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Himachal Paragliding Accident: धर्मशाला में फिर मौत की उड़ान! पैराग्लाइडर क्रैश में गुजरात के सैलानी की गई जान

Himachal Paragliding Accident: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में पैराग्लाइडिंग टेक-ऑफ के दौरान गुजरात के युवक की मौत हो गई. यह छह महीने में दूसरी घटना है, जिसमें अहमदाबाद के ही एक युवक की जान गई. प्रशासन ने पूरे कांगड़ा जिले में 15 सितंबर तक पैराग्लाइडिंग पर रोक लगा दी है.

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Edited By: Km Jaya
Dharamshala paragliding accident
Courtesy: Social Media

Himachal Paragliding Accident: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के इंद्रुनाग पैराग्लाइडिंग साइट पर सोमवार शाम एक दर्दनाक हादसे में गुजरात के अहमदाबाद निवासी 25 वर्षीय पर्यटक सतीश राजेश भाई की मौत हो गई. यह हादसा उस वक्त हुआ जब टेक-ऑफ के दौरान पैराग्लाइडर हवा में ठीक से नहीं उठ पाया और कुछ ही दूरी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस दुर्घटना में पायलट सूरज को भी गंभीर चोटें आई हैं, जो कांगड़ा के बाला जी अस्पताल में इलाजरत हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांगड़ा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश लखनपाल ने बताया कि टेक-ऑफ के दौरान ग्लाइडर असंतुलित हो गया और कुछ ही दूरी पर गिर गया. हादसे में सतीश को सिर, मुंह और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आईं. जिसके तुरंत बाद उन्हें जोनल अस्पताल धर्मशाला में प्राथमिक उपचार के लिए भेज दिया गया, फिर वहां से टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया. इस हादसे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

छह महीनों में दूसरा जानलेवा हादसा 

पुलिस ने बताया कि मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है और पोस्टमार्टम के बाद शव उनके सुपुर्द किया जाएगा. यह पिछले छह महीनों में इंद्रुनाग साइट पर हुआ दूसरा जानलेवा हादसा है. इससे पहले जनवरी में भी गुजरात की ही एक 19 वर्षीय युवती भावसर खुशी की टेक-ऑफ के दौरान मौत हो गई थी. उस घटना में भी पैराग्लाइडर क्रैश हो गया था और पायलट घायल हुआ था.

पैराग्लाइडिंग सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल

इन दो दर्दनाक हादसों के बाद अब पैराग्लाइडिंग सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. इन घटनाओं के मद्देनजर कांगड़ा के उपायुक्त हैमराज बैरवा ने पूरे जिले में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों पर 15 सितंबर तक पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इसमें लोकप्रिय बिड बिलिंग साइट भी शामिल है. उपायुक्त ने कहा कि मानसून सीजन में सुरक्षा कारणों से यह प्रतिबंध अनिवार्य है. इसके साथ ही अतिरिक्त एसपी लखनपाल ने बताया कि दोनों मामलों में सुरक्षा मानकों को लेकर जांच की जा रही है. 

लाइसेंस व प्रशिक्षण प्रक्रिया की समीक्षा 

यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक मौसम स्थिर नहीं होता और सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा नहीं की जाती. स्थानीय प्रशासन अब संबंधित एजेंसियों और ऑपरेटरों के लाइसेंस व प्रशिक्षण प्रक्रिया की भी समीक्षा करेगा.