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India Daily

'सरकार ने देश को गुमराह किया', CDS अनिल चौहान के ऑपरेशनि सिंदूर के दौरान विमान गिराए जाने वाले बयान पर बोले मल्लिकार्जुन खड़गे

जनरल चौहान ने सिंगापुर में एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान कुछ भारतीय लड़ाकू विमान गिराए गए थे. खड़गे ने इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Government misled nation Mallikarjun Kharge on top general's jets downed remark

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के हालिया बयान के बाद नरेंद्र मोदी सरकार पर देश को गुमराह करने का गंभीर आरोप लगाया है. जनरल चौहान ने सिंगापुर में एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान कुछ भारतीय लड़ाकू विमान गिराए गए थे. खड़गे ने इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.

सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत ने हाल के भारत-पाकिस्तान संघर्ष में कुछ लड़ाकू विमानों का नुकसान झेला, लेकिन यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि विमान क्यों गिरे. उन्होंने कहा, "हमने अपनी रणनीतिक गलतियों को समझा, उन्हें सुधारा और दो दिन बाद फिर से सभी विमानों को लंबी दूरी के लक्ष्यों पर हमला करने के लिए उड़ाया." चौहान ने पाकिस्तान के छह भारतीय विमानों को मार गिराने के दावे को "पूरी तरह गलत" बताया.

खड़गे की मांग: संसद का विशेष सत्र

खड़गे ने जनरल चौहान के बयान का हवाला देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सीडीएस के बयान के बाद कई महत्वपूर्ण सवाल उठते हैं. इनका जवाब केवल संसद के विशेष सत्र में मिल सकता है. मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया है. युद्ध का धुंध अब साफ हो रहा है." उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के पायलटों ने दुश्मन से लड़ते हुए अपनी जान जोखिम में डाली, और कुछ नुकसान हुआ, लेकिन सभी पायलट सुरक्षित रहे. खड़गे ने भारतीय वायुसेना की बहादुरी की सराहना की, लेकिन रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा की जरूरत बताई.

कारगिल समीक्षा समिति जैसी जांच की मांग

खड़गे ने मांग की कि 1999 में गठित कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति बनाई जाए, जो भारत की रक्षा तैयारियों की गहन समीक्षा करे. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए नुकसान और रणनीतिक गलतियों से सबक लेना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी कमियों को दूर किया जा सके.

ट्रंप का दावा और शिमला समझौता

खड़गे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल उठाए, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम करवाया. खड़गे ने इसे 1972 के शिमला समझौते का उल्लंघन बताया, जिसमें भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से बचने की सहमति दी थी. उन्होंने कहा कि 10 मई को ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की, और उसी दिन भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी इसका ऐलान किया. खड़गे ने पूछा कि अगर ट्रंप का दावा गलत है, तो सरकार इस पर स्पष्टीकरण क्यों नहीं दे रही?

सरकार पर सवाल: "क्या भारत-पाकिस्तान फिर से जुड़ गए?"

खड़गे ने सरकार से पूछा कि क्या भारत और पाकिस्तान फिर से "जुड़ गए" हैं, और युद्धविराम समझौते की शर्तें क्या हैं. उन्होंने कहा, "140 करोड़ देशभक्त भारतीयों को सच जानने का हक है." खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सशस्त्र बलों की बहादुरी का व्यक्तिगत श्रेय ले रहे हैं और युद्धविराम की शर्तों पर चुप्पी साधे हुए हैं.