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भारतीय सेना का कमाल! हिमालय की 16000 फीट की ऊंचाई पर चलाई मोनो रेल, सामने आया वीडियो

भारतीय सेना की गजराज कोर ने 16,000 फीट पर स्वदेशी मोनो रेल सिस्टम तैनात कर उच्च हिमालयी इलाकों में सप्लाई चेन को नई मजबूती दी है. यह प्रणाली हर मौसम में खाद्य, गोला-बारूद और जरूरी सामान पहुंचाने में सक्षम है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
mono rail india daily
Courtesy: @JM_Scindia

हिमालय की ऊंची चोटियों पर तैनात सैनिकों तक भोजन, ईंधन और गोला-बारूद पहुंचाना हमेशा से भारतीय सेना के लिए सबसे कठिन चुनौतियों में रहा है. खराब मौसम, बर्फीले तूफान और खतरनाक ढलानों के बीच परंपरागत सप्लाई साधन कई बार दिनों तक ठप पड़ जाते हैं.

लेकिन अब गजराज कोर ने इस चुनौती का अभिनव समाधान खोज लिया है. 16,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात किया गया स्वदेशी हाई-एल्टिट्यूड मोनो रेल सिस्टम इन कठिन इलाकों में लॉजिस्टिक सपोर्ट को नया आयाम दे रहा है.

16,000 फीट पर तकनीक का कमाल

गजराज कोर द्वारा विकसित यह स्वदेशी मोनो रेल सिस्टम अब पूरी तरह ऑपरेशनल है और वास्तविक परिस्थितियों में अपनी क्षमता साबित कर चुका है. कठोर हिमालयी क्षेत्र, टूटते-बिखरते ढाल, पथरीले रास्ते और शून्य से नीचे तापमान में भी यह सिस्टम निर्बाध रूप से काम करता है. यह एक रन में 300 किलो से अधिक सामान ढो सकता है, जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में कहीं अधिक तेज और भरोसेमंद है.

बर्फ, तूफान और रात हर हाल में चलने वाला सिस्टम

इस मोनो रेल की सबसे बड़ी विशेषता इसका मौसम-रोधी डिजाइन है. भारी बर्फबारी, बारिश, ओलावृष्टि या तेज हवाओं में भी यह बिना रुके अपना काम करता है. यह दिन और रात दोनों समय बिना किसी एस्कॉर्ट के संचालन योग्य बनाया गया है. इससे सेना को अपने दूरस्थ चौकियों में लगातार आवश्यक सामान भेजने की बड़ी सुविधा मिल गई है.

गोला-बारूद से लेकर ईंधन तक सब कुछ समय पर

पहले जिन चौकियों तक सामान पहुंचाने में कई घंटे या कई दिन लग जाते थे, अब मोनो रेल की मदद से यह सप्लाई काफी तेजी से हो रही है. गोला-बारूद, राशन, ईंधन, इंजीनियरिंग उपकरण और अन्य भारी सामान अब बेहद कम समय में सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है. इससे न केवल सैनिकों का मनोबल बढ़ा है बल्कि दूरस्थ पोस्टों की ऑपरेशनल क्षमता भी मजबूत हुई है.

कैजुअल्टी इवैक्यूएशन में भी मददगार साबित होगा सिस्टम

कई बार खराब मौसम में हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाते, ऐसे में घायल सैनिकों को निकालना बेहद कठिन हो जाता है. मोनो रेल सिस्टम इस समस्या का भी आंशिक समाधान पेश करता है. भविष्य में इसका उपयोग तेजी और सुरक्षित तरीके से घायल जवानों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में किया जा सकेगा, जिससे जीवन बचाने की संभावनाएं बढ़ेंगी.

स्वदेशी नवाचार का मजबूत उदाहरण

यह पूरा सिस्टम सेना के अंदर ही विकसित किया गया है, जो गजराज कोर की तकनीकी क्षमता और जमीनी जरूरतों को समझकर समाधान बनाने की क्षमता को दर्शाता है. इसने न केवल सप्लाई चेन को विश्वसनीय बनाया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि कठिन से कठिन पर्यावरण में भी भारतीय सेना अपनी जरूरतों के अनुरूप तकनीक तैयार कर सकती है.