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'वोट ऑनलाइन डिलीट नहीं होता...', चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के CEC ज्ञानेश कुमार पर लगाए आरोपों को नकारा

भारतीय निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के वोटर लिस्ट से नाम काटने के आरोपों पर जवाब दिया है. चुनाव आयोग का कहना है कि किसी भी वोटर को ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी के सारे आरोपों को चुनाव आयोग आधारहीन और गलत बताया है.

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Edited By: Princy Sharma
EC On Rahul Gandhi Vote Chori
Courtesy: Social Media

EC On Rahul Gandhi Vote Chori: भारतीय निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के वोटर लिस्ट से नाम काटने के आरोपों पर जवाब दिया है. चुनाव आयोग का कहना है कि किसी भी वोटर को ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी के सारे आरोपों को चुनाव आयोग आधारहीन और गलत बताया है.

चुनाव आयोग के सूत्रों ने एक सख्त बयान में कहा, 'राहुल गांधी के आरोप गलत और बेबुनियाद हैं. कोई भी आम व्यक्ति ऑनलाइन किसी का भी वोट नहीं हटा सकता, जैसा कि राहुल गांधी को गलतफहमी है.' अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि सही प्रक्रिया के बिना किसी भी वोटर का नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटाया जा सकता. उन्होंने कहा, 'प्रभावित व्यक्ति को अपनी बात कहने का मौका दिए बिना कोई भी नाम नहीं हटाया जा सकता.'

चुनाव आयोग ने खुद FIR की थी दर्ज

कर्नाटक के अलैंड विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे पर राहुल गांधी के आरोपों पर आयोग ने माना कि 2023 में वोटरों के नाम फर्जी तरीके से हटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन जोर देकर कहा कि ये कोशिशें नाकाम रहीं. मामले की जांच सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने खुद FIR दर्ज की. चुनाव आयोग के सूत्रों ने यह भी बताया कि अलैंड में चुनाव निष्पक्ष हुए थे, 2018 में बीजेपी के सुभद गुट्टेदार और 2023 में कांग्रेस के बीआर पाटिल जीते.

राहुल गांधी ने क्या कहा?

दिन की शुरुआत में गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर तीखा हमला करते हुए उन पर ‘वोट चोरों’ और भारतीय लोकतंत्र को खत्म करने वालों को बचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कर्नाटक के अलैंड और महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा क्षेत्रों का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि देश भर में ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके सिस्टमैटिक तरीके से वोटर लिस्ट से नाम हटाए जा रहे हैं.

राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक CID ने पिछले 18 महीनों में वोटर लिस्ट से नाम हटाने से संबंधित तकनीकी जानकारी के लिए 18 बार चुनाव आयोग को लिखा, लेकिन आयोग ने यह जानकारी नहीं दी. विपक्ष के नेता ने कहा, 'चुनाव आयोग जानता है कि यह कौन कर रहा है. वे लोकतंत्र के हत्यारों को बचा रहे हैं.' उन्होंने ‘वोट चोरी’ के सबूतों को ‘हाइड्रोजन बम’ बताते हुए जल्द ही उन्हें सामने लाने का वादा किया.