रायबरेली से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार (3 फरवरी) को लोकसभा में कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण समारोह के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को "हमारे प्रधानमंत्री के लिए निमंत्रण लाने के लिए तीन-चार बार" भेजा गया था. हालांकि, राहुल गांधी के इस बयान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट रूप से खंडन किया है और इसे "झूठ" करार दिया है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दी. उन्होंने कहा, " विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जानबूझकर मेरी अमेरिका यात्रा के बारे में झूठ बोला. मैं बिडेन प्रशासन के विदेश मंत्री और एनएसए से मिलने गया था. इसके अलावा, हमारे महावाणिज्य दूतों की बैठक की भी अध्यक्षता की. मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि "किसी भी स्तर पर प्रधानमंत्री को आमंत्रित करने के बारे में कोई चर्चा नहीं की गई. यह तथ्य है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसे कार्यक्रमों में आम तौर पर शामिल नहीं होते.
Leader of Opposition Rahul Gandhi deliberately spoke a falsehood about my visit to the US in December 2024.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 3, 2025
I went to meet the Secretary of State and NSA of the Biden Administration. Also to chair a gathering of our Consuls General. During my stay, the incoming NSA-designate met…
एस जयशंकर का राहुल गांधी पर हमला
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता पर आरोप लगाया कि उनका बयान भारत की विदेश नीति को लेकर गलत जानकारी फैलाने का एक प्रयास था, जो विदेश में देश की छवि को नुकसान पहुंचाता है. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी के झूठ का उद्देश्य राजनीतिक हो सकता है, लेकिन यह विदेश में देश के लिए हानिकारक है.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जताई आपत्ति
इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. इश दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेता को इस तरह के गंभीर और निराधार बयान नहीं देने चाहिए. उन्होंने कहा, "विपक्ष के नेता को सदन में यह बताना चाहिए कि किसने उन्हें यह जानकारी दी कि विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री के निमंत्रण के लिए अमेरिका यात्रा की थी.
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
पिछले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत की और उन्हें उनके ऐतिहासिक दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी थी. उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और अमेरिका के बीच "पारस्परिक रूप से लाभकारी और भरोसेमंद साझेदारी" के लिए प्रतिबद्धता बनी हुई है.