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लालू परिवार में सुलगती आग! संजय यादव के इर्द-गिर्द घूम रहा विवाद, रोहिणी का खुला प्रहार

यह पहली बार नहीं है जब संजय यादव लालू परिवार के निशाने पर आए हैं. लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, जिन्हें मई 2025 में एक विवादास्पद वीडियो के बाद परिवार और पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था, लंबे समय से संजय को 'जयचंद' करार देते रहे हैं.

Gyanendra Sharma
Edited By: Gyanendra Sharma
rohini acharya
Courtesy: Social Media

Bihar News: लालू प्रसाद यादव का परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. तेजस्वी यादव के करीबी सलाहकार संजय यादव को लेकर परिवार के सदस्यों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को लालू की लाड़ली बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर संजय के खिलाफ तीखा प्रहार किया. रोहिणी ने सोशल मीडिया पर आज कई पोस्ट किए. 

यह विवाद तेजस्वी की 'बिहार अधिकार यात्रा' की बस से शुरू हुआ, जहां संजय की सीटिंग को लेकर सवाल उठे, और अब यह परिवार की एकजुटता पर सवाल खड़े कर रहा है. रोहिणी आचार्य, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में सारण से आरजेडी की टिकट पर लड़ीं और हार गईं, ने गुरुवार को एक वीडियो पोस्ट शेयर किया. यह वीडियो उनके किडनी ट्रांसप्लांट के दौरान स्ट्रेचर पर जाने का था. 

वीडियो के साथ रोहिणी ने लिखा, "जो लोग अपनी जान हथेली पर रखकर कुर्बानी देते हैं, उनकी रगों में बेखौफी, बेबाकी और खुद्दारी दौड़ती है." उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन "आत्मसम्मान सर्वोपरि है." 

संजय यादव को लेकर बंटा लालू परिवार?

यह पहली बार नहीं है जब संजय यादव लालू परिवार के निशाने पर आए हैं. लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, जिन्हें मई 2025 में एक विवादास्पद वीडियो के बाद परिवार और पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था, लंबे समय से संजय को 'जयचंद' करार देते रहे हैं. तेज प्रताप की सोशल मीडिया पोस्ट्स में 'गद्दारों' का जिक्र अक्सर संजय की ओर इशारा करता दिखता है. मई में हुई इस घटना के बाद रोहिणी ने पिता लालू का समर्थन किया था और कहा था, "पापा हमारे लिए भगवान समान हैं, परिवार हमारा मंदिर है." लेकिन अब रोहिणी का यह नया रुख परिवार में नई दरार पैदा कर रहा है.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद संजय यादव की बढ़ती भूमिका से उपजा है. हरियाणा मूल के 41 वर्षीय संजय तेजस्वी के पुराने दोस्त हैं. आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण में अहम भूमिका निभा रहे हैं. लालू परिवार के कुछ सदस्यों को लगता है कि संजय बाहरी व्यक्ति के रूप में परिवार के हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं.