रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार, 10 जून 2025 को देहरादून में एक कार्यक्रम में आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख को दोहराया. उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने लोगों की धार्मिक पहचान पूछकर हत्याएं कीं, लेकिन भारत ने उनके 'धर्म' को नहीं, बल्कि उनके 'कर्म' को देखकर जवाबी कार्रवाई की. राजनाथ सिंह ने कहा, "पहलगाम में आतंकवादियों ने लोगों का धर्म पूछकर हत्या की; हमने उनका 'धर्म' नहीं पूछा, बल्कि उनके कर्म देखकर जवाब दिया."
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. पीड़ितों के अनुसार, आतंकवादियों ने पर्यटकों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और केवल हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया. उन्होंने महिलाओं को छोड़ते हुए कहा कि वे इस घटना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाएं. इसके जवाब में, 7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए.
पाकिस्तान की जवाबी कोशिश और भारत का रुख
पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया. बीते 10 मई को दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत के बाद युद्धविराम पर सहमति बनी, जिससे जमीनी स्तर पर शत्रुता रुकी. राजनाथ सिंह ने पहले कहा था कि यदि पाकिस्तान बातचीत को लेकर गंभीर है, तो उसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी हाफिज सईद और मसूद अजहर को भारत को सौंपना चाहिए.
नौसेना की ताकत और चेतावनी
गोवा के तट पर विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसैनिकों से बातचीत में सिंह ने कहा, "यदि पाकिस्तान भारत के खिलाफ कोई भी 'बुरा या अनैतिक' कदम उठाता है, तो इस बार उसे भारतीय नौसेना की ताकत और गुस्से का सामना करना पड़ेगा." उन्होंने जोर देकर कहा, "ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, यह सिर्फ एक विराम है, एक चेतावनी. यदि पाकिस्तान ने फिर वही गलती की, तो भारत का जवाब और भी कड़ा होगा, और इस बार उसे संभलने का मौका नहीं मिलेगा."
रक्षा क्षेत्र में भारत की कैसी है प्रगति
राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "नन्हा और दूरदर्शी" नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र आयात-निर्भरता से हटकर अब "विश्वसनीय वैश्विक निर्यातक" बन गया है. उन्होंने कहा, "हाल के ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने इस बदलाव को देखा." यह बयान भारत की बढ़ती सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को रेखांकित करता है.