Deepfake issue Rajeev Chandrasekha Government to nominate officer: डीपफेक मुद्दे पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि आज से केंद्र सरकार एक अधिकारी की नियुक्ति करेगी, जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर डीपफेक जैसे कंटेंट की निगरानी करेगा.
राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि केंद्र सरकार ने 24 नवंबर को गूगल, फेसबुक, यूट्यूब समेत ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को तलब कर चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने अपनी साइट्स से डीपफेक नहीं हटाया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सोशल मीडिया कंपनियों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि डीपफेक कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.
#WATCH | On Deep fake issue, MoS Electronics & Technology Rajeev Chandrasekhar says, "The Rule Seven officer will also be a person who will create a platform where it will be very easy for citizens to bring to the attention of the Government of India their notices or allegations… pic.twitter.com/AHiATR6DD4
— ANI (@ANI) November 24, 2023
डीपफेक जैसी आपत्तिजनक सामग्री से पीड़ित होने की स्थिति में सरकार आईटी नियमों के उल्लंघन के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ FIR दर्ज करने में नागरिकों की सहायता करेगी. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) एक मंच विकसित करेगा, जिस पर यूजर, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की ओर से IT नियमों के उल्लंघन के बारे में सूचित कर सकते हैं.
मंत्री ने कहा KF MeitY यूजर्स को IT नियमों के उल्लंघन के बारे में बहुत आसानी से सूचित करने और FIR दर्ज करने में सहायता करेगा. मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी और यदि वे बताते हैं कि कंटेंट कहां से जनरेट हुआ है, तो उस शख्स के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी, जिसने कंटेंट पोस्ट किया है.
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी. चन्द्रशेखर ने कहा था कि गलत सूचना के प्रसार को रोकना ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के लिए कानूनी दायित्व है.
बयान में कहा गया कि ऐसी किसी भी सामग्री की रिपोर्ट किए जाने पर डीपफेक कंटेंट को 36 घंटों के भीतर हटा दें और आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करें.
मंत्री ने कहा कि सरकार डिजिटल क्षेत्र में भारतीयों के लिए सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्र ने कहा है कि डीपफेक के निर्माण और प्रसार पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल की कड़ी सजा का प्रावधान है.