दिल्ली में बीते दिनों RSS प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद अचानक यह चर्चा शुरू हो गई थी कि शिवराज सिंह चौहान भाजपा के नए अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हो सकते हैं. हालांकि खुद शिवराज ने इस तरह की सभी अटकलों को खारिज कर दिया है.
उन्होंने साफ कहा कि उनका पूरा ध्यान कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय की जिम्मेदारियों को निभाने पर है. उन्होंने दो टूक कहा कि वे इस विषय पर न तो सोच रहे हैं और न ही किसी ने उनसे इस बारे में कभी बात की है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है. ऐसे में वे पूरी तरह किसानों की आय बढ़ाने, ग्रामीण इलाकों का विकास करने और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के प्रयासों में जुटे हैं. उन्होंने कहा 'कृषि मेरे तन-मन में है और किसान मेरी सांसों में बसते हैं. उनके लिए काम करना ही मेरे लिए पूजा है.' चौहान ने यह भी जोड़ा कि वे ‘लक्षपति दीदी’ योजना को और आगे बढ़ाना चाहते हैं, ताकि अधिक से अधिक महिला स्व-सहायता समूह सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय प्राप्त कर सकें.
मीडिया द्वारा लगातार भाजपा अध्यक्ष पद की संभावनाओं पर सवाल पूछे जाने पर चौहान ने दोहराया कि उन्होंने न तो कभी इस बारे में सोचा है और न ही किसी ने उन्हें इस पर विचार करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा 'मैं केवल कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री हूं और इसी जिम्मेदारी को पूजा मानकर निभा रहा हूं. भाजपा अध्यक्ष पद की चर्चा मेरे लिए अप्रासंगिक है.'
भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का तीन साल का कार्यकाल करीब दो साल पहले पूरा हो चुका है, जिसके बाद उनकी अवधि को बढ़ा दिया गया था. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन होगा. हालांकि, चौहान ने इन अटकलों पर फिलहाल विराम लगा दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि वे पूरी तरह किसानों और ग्रामीण भारत के उत्थान में जुटे हैं.