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EX CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किस केस में किया गिरफ्तार, जमानत मिलना क्यों है मुश्किल?

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को आज ईडी ने उनके घर से गिरफ्तार कर लिया. पीएमएलए में सुनवाई के बाद उन्हें 5 दिनों तक ईडी हिरासत में भेजा गया है. यह एक्शन छत्तीसगढ़ की शराब नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़ी है.

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Edited By: Shanu Sharma
Chaitanya Baghel
Courtesy: Social Media

Chaitanya Baghel: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ई़डी ने आज उनके घर से गिरफ्तार कर लिया. चैतन्य अपना जन्मदिन मना रहे थे, इसी बीच अचानक शराब घोटाले के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया. ED द्वारा यह कार्रवाई उनके आवास पर की गई छापेमारी के बाद की गई है. ईडी ने शुक्रवार तड़के चैतन्य बघेल के घर पर छापेमारी की थी.

पीएमएलए कोर्ट में उन्हें पेश किया गया. इसके बाद उन्हे 5 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया. ईडी की यह जांच छत्तीसगढ़ की शराब नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़ी है. 

शराब घोटाले का मामला

ईडी द्वारा की जा रही जांच भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार के दौरान शराब नीति में हुई कथित गड़बड़ियों को लेकर की जा रही है. यह मामला छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक प्राथमिकी पर आधारित है. इस मामले में 70 व्यक्तियों और संस्थाओं के नाम शामिल है. इन नामों में एक नाम पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी शामिल हैं.

ईडी का दावा है कि इस घोटाले में एक हजार करोड़ रुपये की संदिग्ध आय सामने आई है. ईडी ने दावा किया कि चैतन्य बघेल और उनके सहयोगियों ने रियल एस्टेट फर्मों के जरिए इस घोटाले के पैसे का धन शोधन किया. जांच में कई संदिग्ध लेनदेन का खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, चैतन्य की कंपनियों ने इस धन को विभिन्न तरीकों से निवेश किया. चैतन्य की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र का बहिष्कार किया. 

भूपेश बघेल का केंद्र पर हमला  

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि जब भी हम विधानसभा में अडानी से जुड़े मुद्दे उठाते है, तब मेरे घर ईडी की टीम भेजी पहुंच जाती है. बघेल ने केंद्र सरकार पर विपक्ष को निशाना बनाने और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया. इस गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मचा दी है. कांग्रेस इसे बदले की कार्रवाई बता रही है, जबकि बीजेपी ने इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बताया. विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. ईडी की जांच अब और तेज होने की संभावना है. चैतन्य से पूछताछ में नए सबूत मिल सकते हैं. यह मामला शराब नीति में भ्रष्टाचार और धन शोधन के बड़े नेटवर्क को उजागर कर सकता है.