menu-icon
India Daily

आप ने छोड़ा INDIA ब्लॉक, एकला चलो की राह पर क्यों चले पंजाब, गुजरात उपचुनाव में जीत से गदगद केजरीवाल?

पंजाब में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल के रूप में आप की नीतियों और प्रदर्शन की आलोचना कर रही है. 2027 के पंजाब चुनाव आप के लिए एक लिटमस टेस्ट होंगे.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Why AAP and Arvind Kejriwal distance themselves from India Block

आम आदमी पार्टी (AAP) का इंडिया गठबंधन से औपचारिक रूप से अलग होना आगामी मॉनसून सत्र से पहले एक बड़ा राजनीतिक बदलाव है. इंडिया गठबंधन, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ विपक्षी दलों का एकजुट मोर्चा था, ने पिछले लोकसभा चुनाव में एक मजबूत विकल्प प्रदान करने का लक्ष्य रखा था. आप का यह कदम विपक्षी राजनीति में बदलते समीकरणों और रणनीतिक पुनर्मूल्यांकन का संकेत देता है.

दिल्ली में हार और रणनीति में बदलाव

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आप को करारी हार का सामना करना पड़ा, जहां पार्टी ने 2015 और 2020 में 90% से अधिक सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार केवल 22 सीटें हासिल कीं. पार्टी के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया अपनी सीटें हार गए, जिसने आप के मनोबल को झटका दिया. इस हार ने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपनी राजनीतिक रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया.

'एक्ला चोलो रे' की राह 

आप ने अब रवींद्रनाथ टैगोर के गीत "एक्ला चोलो रे" से प्रेरित होकर अकेले चलने की रणनीति अपनाई है. इंडिया गठबंधन से अलग होने से आप को स्वतंत्र एजेंडा अपनाने और क्षेत्रीय राजनीतिक हकीकतों के अनुसार चयनात्मक गठबंधन करने की आजादी मिलेगी. 2011 के अन्ना आंदोलन से जन्मी आप ने कभी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के रूप में कांग्रेस और भाजपा के विकल्प के रूप में अपनी पहचान बनाई थी लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन में शामिल होने से उसकी यह पहचान धुंधली पड़ गई थी.

पंजाब और गुजरात में नई उम्मीद

पंजाब, जहां आप मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सत्ता में है, अब पार्टी का एकमात्र शासित राज्य है. 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव आप के लिए महत्वपूर्ण होंगे. हाल ही में पंजाब के लुधियाना वेस्ट और गुजरात के विसावदर में उपचुनावों में जीत ने आप को नई ताकत दी है. इन जीतों ने आप की स्वतंत्र चुनाव लड़ने की रणनीति को मजबूती दी, जिससे वह कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ एक विश्वसनीय विकल्प के रूप में उभर रही है.

लिटमस टेस्ट होगा पंजाब का चुनाव

पंजाब में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल के रूप में आप की नीतियों और प्रदर्शन की आलोचना कर रही है. 2027 के पंजाब चुनाव आप के लिए एक लिटमस टेस्ट होंगे. पंजाब में हार के बाद आप खाली हो जाएगी, जो उसकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं के लिए घातक होगा. इसलिए, आप का कांग्रेस से दूरी बनाना और स्वतंत्र पहचान बनाए रखना एक रणनीतिक कदम है.