भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में भारत-पाकिस्तान संबंधों और ऑपरेशन सिंदूर की चुनौतियों पर महत्वपूर्ण खुलासे किए. उन्होंने कहा कि भारत ने दीर्घकालिक रणनीति के दम पर हर क्षेत्र में पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है.
जनरल चौहान ने कहा, "स्वतंत्रता के समय पाकिस्तान सामाजिक, आर्थिक और प्रति व्यक्ति जीडीपी जैसे हर पैमाने पर हमसे आगे था. आज भारत आर्थिक प्रदर्शन, मानव विकास और सामाजिक सद्भाव में उनसे आगे है, यह संयोग से नहीं हुआ; यह हमारी दीर्घकालिक रणनीति का परिणाम है." उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवाज शरीफ को आमंत्रित करने का जिक्र करते हुए कहा, "ताली दो हाथों से बजती है. अगर बदले में केवल शत्रुता मिले, तो फिलहाल दूरी बनाए रखना ही एक समझदारी भरी रणनीति हो सकती है."
ऑपरेशन सिंदूर, जो कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, एक गैर-संपर्क और बहु-क्षेत्रीय मिशन था. जनरल चौहान ने कहा, "आधुनिक युद्ध में सामरिक, परिचालन और रणनीतिक स्तरों का जटिल समन्वय, पुराने और नए क्षेत्रों (जमीन, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष) का मिश्रण हो रहा है." इस ऑपरेशन में सशस्त्र बलों ने पारंपरिक सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ साइबर क्षमताओं, खुफिया जानकारी और गलत सूचनाओं के प्रबंधन पर ध्यान दिया.
फर्जी खबरों को रोकने के लिए लगाए गए थे 15% संसाधन
CDS ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान 15% संसाधन गलत सूचनाओं और फर्जी खबरों से निपटने में लगाए गए. उन्होंने कहा, "फर्जी खबरों से निपटना एक निरंतर प्रयास था. हमारी संचार रणनीति जानबूझकर संयमित थी; हमने प्रतिक्रियात्मक नहीं होने का फैसला किया, क्योंकि गलत सूचनाएं उच्च जोखिम वाले अभियानों के दौरान जनता की धारणा को तेजी से विकृत कर सकती हैं."
ऑपरेशन सिंदूर की डिटेल
7 मई की सुबह शुरू हुए इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए. 9-10 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने 13 पाकिस्तानी हवाई अड्डों और सैन्य ठिकानों पर हमले किए. चार दिन की सैन्य कार्रवाइयों के बाद, 10 मई को दोनों देशों के बीच समझौते के साथ युद्धविराम हुआ.