पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जन सुराज पार्टी (JSP), जिसकी स्थापना रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने की थी, अपने पहले चुनाव में एक भी सीट जीतने में विफल रही. पार्टी के लिए यह बड़ा झटका है.
हालांकि, पार्टी अध्यक्ष उदय सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रशांत किशोर अब भी बिहार की राजनीति में सक्रिय रहेंगे और राज्य के विकास और बदलाव के लिए काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि उनका पार्टी या जनता से हटने का कोई विचार नहीं है.
पार्टी अध्यक्ष उदय सिंह ने ANI को बताया कि प्रशांत किशोर बिहार में सक्रिय रहेंगे. उन्होंने कहा, 'हम JD(U) के कहने पर राजनीति में नहीं आए, और उनकी इच्छा पर छोड़ने का कोई सवाल नहीं है. जब हमें लगेगा कि बिहार में बदलाव आया है, तभी हम निर्णय लेंगे.' उदय सिंह ने यह भी कहा कि JSP निराश नहीं है और पार्टी बिहार में सुधार और बदलाव के वादे को पूरा करने के लिए काम करती रहेगी.
उदय सिंह ने एनडीए की भारी जीत में प्रमुख कारणों के रूप में नितीश कुमार की सरकार द्वारा महिलाओं को किए गए नकद वितरण को बताया. उन्होंने कहा, 'इससे बिहार की अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ेगा. मैं समझ नहीं पा रहा कि यह ऋण चक्र से कब बाहर आएगा.' उनके अनुसार यह योजना जनता के लिए आकर्षक थी और चुनावी परिणामों में इसका बड़ा प्रभाव पड़ा.
जन सुराज पार्टी ने लगभग सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन कोई सीट नहीं जीत सकी. पार्टी की स्थापना 2 अक्टूबर 2024 को पटना में की गई थी, हालांकि यह संगठन 2022 से सक्रिय था. इसके बावजूद, NDA ने 243 में से 202 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया. BJP ने 89 सीटें और JD(U) ने 85 सीटें जीतकर NDA के लिए मजबूत स्थिति बनाई.
महागठबंधन के लिए बिहार चुनाव 2025 बड़ा झटका साबित हुआ. RJD ने केवल 25 सीटें जीतीं, CPI(ML)(L) 2, IIP 1 और CPI(M) 1 सीट पर सिमट गया. इससे महागठबंधन की स्थिति काफी कमजोर हुई और पार्टी को आगामी रणनीतियों पर विचार करना होगा.
उदय सिंह ने कहा कि पार्टी बिहार के बदलाव के वादे को पूरा करने के लिए निरंतर काम करेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि JSP का मिशन सिर्फ चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि राज्य में दीर्घकालीन सुधार लाना है. पार्टी प्रशांत किशोर के नेतृत्व में सक्रिय रहेगी और विकास एवं सामाजिक सुधार के लिए प्रतिबद्ध रहेगी.