लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अब सबकी निगाहें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन पर टिकी हैं. मौजूदा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल पहले ही आम चुनाव तक बढ़ाया जा चुका था. अब चुनाव संपन्न हो चुके हैं, ऐसे में भाजपा के संगठनात्मक पुनर्गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है. भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले पार्टी को आधे से अधिक राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे करने होते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, अब तक अधिकांश राज्यों में यह प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है. उत्तर प्रदेश में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद माना जा रहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा जल्द होगी, लेकिन हालिया पहलगाम आतंकी हमले के चलते प्रक्रिया थोड़ी टल गई है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले भाजपा कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष भी बदल सकती है.
उत्तराखंड में एक ब्राह्मण चेहरे की चर्चा है.
उत्तर प्रदेश में अब पिछड़े वर्ग से अध्यक्ष की मांग तेज हो रही है.
मध्य प्रदेश में पहली बार जनजातीय नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है, ताकि संगठन में सामाजिक संतुलन बना रहे.
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए कई दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं. इनमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, और कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल खट्टर जैसे नेता प्रमुख हैं. इनमें से किसी का अनुभव संगठनात्मक है, तो कोई सामाजिक समीकरण में फिट बैठता है.
सूत्रों के अनुसार, भाजपा जून के दूसरे सप्ताह में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अधिसूचना जारी कर सकती है. इसके तहत राज्य स्तर पर संगठन चुनाव पूरे होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर प्रक्रिया चलेगी. नामांकन से लेकर मतदान तक सभी चरण पार्टी के संविधान के अनुसार होंगे. एक केंद्रीय चुनाव समिति इस प्रक्रिया की निगरानी करेगी.
भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष न केवल 2026 के विधानसभा चुनावों बल्कि 2029 के आम चुनावों की रणनीति तैयार करेगा. इसलिए यह चुनाव सिर्फ नेतृत्व परिवर्तन नहीं, बल्कि पार्टी की भविष्य की दिशा तय करने वाला कदम होगा. विपक्ष भी इस पर पैनी नजर बनाए हुए है.