menu-icon
India Daily

Ahmedabad Air Crash Report: एयर इंडिया फ्लाइट हादसे की जांच में बड़ा खुलासा, कॉकपिट और रिकॉर्डर से मिली दुर्घटना की स्पष्ट जानकारी

Ahmedabad Air Crash Report: एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 की दुर्घटना पर एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ब्लैक बॉक्स के डाटा और कॉकपिट के हिस्सों की मदद से अंतिम 32 सेकंड की तस्वीर साफ हो गई है. पायलटों ने विमान बचाने की पूरी कोशिश की, आपातकालीन सिस्टम सक्रिय हुए, लेकिन ELT ने काम नहीं किया.

auth-image
Edited By: Km Jaya
Ahmedabad Air India crash
Courtesy: Social Media

Ahmedabad Air Crash Report: एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के हादसे की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. अहमदाबाद से लंदन जा रही इस बोइंग 787 विमान की दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हो गई थी. विमान का मलबा लगभग 1,000 फीट तक फैला हुआ मिला, जिसमें से हर एक हिस्सा जांचकर्ताओं के लिए एक पहेली बन गया था.

ब्लैक बॉक्स ने खोला राज

जांच की सबसे बड़ी सफलता दो ‘एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर्स’ यानी EAFR से मिली. ये आधुनिक ब्लैक बॉक्स न सिर्फ फ्लाइट डेटा बल्कि कॉकपिट की आवाजे भी रिकॉर्ड करते हैं. टेल सेक्शन में लगा पिछला रिकॉर्डर दुर्घटना के अगले दिन एक हॉस्टल के मेस की छत पर मिला, लेकिन वह बुरी तरह जल चुका था और काम नहीं आया.

तीन दिन बाद मिला ‘काम का बॉक्स’

तीन दिन बाद हॉस्टल बिल्डिंग ‘एफ’ के पास मलबे में आगे का ब्लैक बॉक्स मिला. यह आंशिक रूप से जला था लेकिन अब भी सिस्टम से जुड़ा था. इसने 49 घंटे की फ्लाइट डेटा और 6 उड़ानों की जानकारी दी, जिसमें हादसे वाली फ्लाइट भी शामिल थी. इसके साथ दो घंटे की आवाज रिकॉर्डिंग ने अंतिम क्षणों की स्थिति साफ की.

पायलटों ने की थी बचाने की कोशिश

कॉकपिट का सेंट्रल कंसोल भी बरामद हुआ. दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘RUN’ पोजिशन में पाए गए, जिससे स्पष्ट है कि पायलटों ने आखिरी समय तक विमान को बचाने की कोशिश की. फ्लैप हैंडल भी सामान्य 5 डिग्री स्थिति में था, जो सामान्य टेकऑफ को दर्शाता है.

थ्रस्ट लीवर की स्थिति बनी रहस्य

थ्रस्ट लीवर जले हुए हालत में पीछे स्थिति में पाए गए, लेकिन ब्लैक बॉक्स के डेटा के अनुसार वे आगे टेकऑफ थ्रस्ट की स्थिति में थे. इससे संकेत मिलता है कि दुर्घटना के दौरान लीवर पीछे हटे होंगे, न कि पायलट ने ऐसा किया.

आपातकालीन सिस्टम ने किया काम

जांच में यह भी सामने आया कि विमान के आपातकालीन सिस्टम सही तरीके से सक्रिय हुए. ‘ऑक्सिलियरी पावर यूनिट’ खुद चालू हो गया था, जिससे पुष्टि होती है कि सिस्टम ने इंजन फेलियर के बाद प्रतिक्रिया दी.

ELT ने क्यों नहीं किया काम?

सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह रहा कि ‘इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर’ सक्रिय नहीं हुआ. रिपोर्ट में इसके बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई.