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India Daily

एयर इंडिया के पायलटों ने क्रैश से पहले इंजन को दोबारा चालू करने की कोशिश की थी, पूर्व एविएशन मिनिस्टर का बड़ा दावा

राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि विमान उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार था और उसके इंजन में कोई खराबी नहीं थी. प्रथम दृष्टया, विमान उड़ान भरने लायक था. इंजन या अन्य उड़ान मापदंडों में कोई खराबी नहीं थी. एएआईबी रिपोर्ट पुष्टि करती है कि विमान ने सामान्य रूप से उड़ान भरी.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Rajiv Pratap Rudy
Courtesy: Social Media

12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया AI-171 दुर्घटना पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट के प्रारंभिक निष्कर्ष जारी होने पर पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री और स्थायी समिति के सदस्य राजीव प्रताप रूडी जो एक प्रशिक्षित पायलट भी हैं ने कहा कि दोनों पायलटों ने इंजन को फिर से चालू करने का प्रयास किया, लेकिन समय नहीं बचा था.

राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि विमान उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार था और उसके इंजन में कोई खराबी नहीं थी. प्रथम दृष्टया, विमान उड़ान भरने लायक था. इंजन या अन्य उड़ान मापदंडों में कोई खराबी नहीं थी. एएआईबी रिपोर्ट पुष्टि करती है कि विमान ने सामान्य रूप से उड़ान भरी. उन्होंने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "जेट ईंधन स्विच सही स्थिति में थे. हालांकि बाद में पायलटों ने इंजन की शक्ति में गिरावट देखी.

दोनों इंजन जल गए

रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण घटना का विवरण दिया गया है जहां दोनों इंजन जल गए, जिससे पायलटों को फिर से चालू करने का प्रयास करना पड़ा. रूडी ने बताया कि कैप्टन सभरवाल और सह-पायलट ने ईंधन स्विच को "रन" स्थिति में लाकर इंजनों को पुनः चालू करने का अंतिम प्रयास किया.

इंजनों को दोबारा चालू करने की कोशिश हुई-रूडी

उन्होंने कहा, उन्होंने अपने अनुभव का इस्तेमाल किया और इंजनों को दोबारा चालू करने की कोशिश की. यह प्रक्रिया इंजन 1 से शुरू हुई, लेकिन इंजन 2 में देरी हुई. दुर्भाग्य से विमान इतनी नीचे उड़ रहा था कि स्वचालित FADEC प्रणाली चालू नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि यदि यह घटना 10,000 फीट या उससे अधिक की ऊंचाई पर हुई होती, तो FADEC (पूर्ण प्राधिकरण डिजिटल इंजन नियंत्रण) प्रणाली ने संभवतः दोनों इंजनों को फिर चालू कर दिया होता. उस कम ऊंचाई पर, मुश्किल से ही कोई समय बचा था. हवाई अड्डे के आसपास का निर्माण कार्य भी चिंता का विषय था.