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India Daily
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'अनुच्छेद 370 नासूर.. कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका ने सर्वसम्मति से हटाया...', जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका द्वारा निभाई गई सामूहिक भूमिका की सराहना की.

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Avinash Kumar Singh
Jagdeep Dhankhar

हाइलाइट्स

  • अनुच्छेद 370 को लेकर जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान
  • 'अनुच्छेद 370 अब हमारे संविधान का हिस्सा नहीं'

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो का उद्घाटन किया. इस दौरान जगदीप धनखड़ ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका द्वारा निभाई गई सामूहिक भूमिका की सराहना की. उन्होंने इन प्रावधानों को लोकतांत्रिक शासन में बाधा बताया. 

'अनुच्छेद 370 अब हमारे संविधान का हिस्सा नहीं'

जगदीप धनखड़ ने बड़ा बयान देते हुए कहा "कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के सामूहिक प्रयास से अनुच्छेद 370 को हटाने में मदद मिली. अनुच्छेद 370 अब हमारे संविधान का हिस्सा नहीं है. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना हकीकत में बदल गया है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली कार्यपालिका, विधायिका-लोकसभा और राज्यसभा और न्यायपालिका को बधाई. तीनों ने सर्वसम्मति से हमारे संविधान से अनुच्छेद 370 को हटा दिया."

अनुच्छेद 370 हमारे लिए अभिशाप 

जगदीप धनखड़ ने अपने बयान में आगे कहा कि अब जम्मू-कश्मीर की स्थिति में पहले से काफी बदलाव आ गया है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इस भूमि पर एक अमिट छाप छोड़ी है. किसी ने नहीं सोचा था कि अनुच्छेद 370 पर मुहर लग जाएगी. संविधान में अस्थायी कहा जाने वाला यह अनुच्छेद हमारे लिए अभिशाप बन गया था. आज कितना अच्छा दिन है की वह प्रावधान देश के कानून में नहीं है. इसके लिए मैं बधाई देता हूं कार्यपालिका को, जिसके हेड है प्रधानमंत्री जी, विधायिका को, लोकसभा राज्यसभा को और न्यायपालिका को. तीनों ने एकमत से अनुच्छेद 370 को हमारे संविधान से हटा दिया. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना पूरी तरह से सफल हुआ है.