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पाकिस्तान से टेंशन के बीच NSA अजित डोभाल और ईरान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी में हुई बात, चाहबार पोर्ट और क्षेत्रीय सहयोग का उठा मुद्दा

दोनों नेताओं की यह बातचीत भारत और ईरान के बीच बढ़ते विश्वास और साझेदारी का प्रतीक है. अहमदियान ने स्पष्ट किया कि यह सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Amid tension with Pakistan NSA Ajit Doval and Irans top security official held talks on Chabahar por

ईरान के दूतावास ने भारत में 'एक्स' पर पोस्ट कर बताया कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ईरान के सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव और सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि डॉ. अली अकबर अहमदियान के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. डोभाल ने कहा, "ईरान क्षेत्र में रचनात्मक भूमिका निभा रहा है, और भारत चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) के विकास में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने में रुचि रखता है." उन्होंने ईरान के निरंतर सहायता और समर्थन के लिए आभार भी जताया.

सभ्यताओं के बीच गहरे संबंध

डॉ. अहमदियान ने इस बातचीत में जोर दिया कि भारत और ईरान, दो प्राचीन सभ्यताओं के रूप में, गहरे ऐतिहासिक संबंध और राजनीतिक व आर्थिक सहयोग की अपार संभावनाएं साझा करते हैं. उन्होंने कहा, "रणनीतिक परियोजनाओं को शीघ्र लागू करने की आवश्यकता है, और द्विपक्षीय सहयोग क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के व्यापक हितों की पूर्ति करता है." यह बयान दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को रेखांकित करता है.

चाबहार और INSTC का महत्व
चाबहार बंदरगाह और INSTC परियोजनाएं भारत और ईरान के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं. ये परियोजनाएं न केवल व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता में भी योगदान देंगी. डोभाल का यह बयान भारत की क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ईरान के साथ यह सहयोग मध्य एशिया और यूरोप के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों को और सशक्त करेगा.

क्षेत्रीय शांति के लिए सहयोग
दोनों नेताओं की यह बातचीत भारत और ईरान के बीच बढ़ते विश्वास और साझेदारी का प्रतीक है. अहमदियान ने स्पष्ट किया कि यह सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है. यह कदम वैश्विक मंच पर भारत-ईରान संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.