Hindi vs Marathi Row: महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बीच, अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने देशवासियों से एकता बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने भाषा के नाम पर समाज को बांटने वाली हरकतों से बचने की सलाह दी है. यह बयान ऐसे समय में आया है, जब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर तनाव और हिंसक घटनाएं सामने आई हैं.
कंगना रनौत ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हमें अपने देश को बांटने वाली किसी भी चीज से दूर रहना चाहिए. हमारे देश में लोग अलग-अलग तरीकों से एक-दूसरे से जुड़ने की कोशिश करते हैं. इस तरह की हरकतें उनके प्रयासों को बाधित करती हैं. कुछ लोग राजनीति में छा जाने के चक्कर में ऐसा बंटवारा कर रहे हैं." उन्होंने मुंबई में हिंदी और मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद का जिक्र करते हुए जोर दिया कि देश में एकता की भावना को बनाए रखना जरूरी है. कंगना ने कहा, "हमें देश में एकता की भावना को बनाए रखना चाहिए. लोगों को भाषा के नाम पर नहीं बांटा जाना चाहिए."
मनसे कार्यकर्ताओं की हिंसक हरकतें
यह विवाद तब और गहरा गया, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार पर हमला किया और मराठी न बोलने या सीखने से इनकार करने पर एक व्यवसायी के कार्यालय में तोड़फोड़ की कोशिश की. मनसे कार्यकर्ताओं ने दुकानदार को धमकी देते हुए कहा, "अगर तुम मराठी नहीं बोलोगे तो हम सबको पीटेंगे और भगा देंगे, और तुम्हारी दुकान तोड़ देंगे और जला देंगे." इस घटना ने महाराष्ट्र में भाषा आधारित हिंसा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
मुख्यमंत्री फडणवीस की कड़ी चेतावनी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मराठी भाषा पर गर्व करना गलत नहीं है, लेकिन अगर कोई भाषा के नाम पर गुंडागर्दी करता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे." फडणवीस ने यह भी कहा कि अगर कोई भाषा के आधार पर हिंसा करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आश्चर्य जताया कि लोग अंग्रेजी को आसानी से स्वीकार करते हैं, लेकिन हिंदी को लेकर विवाद खड़ा करते हैं.
हिमाचल में कंगना का राहत कार्य
इसी बीच, कंगना रनौत ने अपने संसदीय क्षेत्र मंडी में बादल फटने से प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने राहत कार्यों का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से मुलाकात की. कंगना ने बताया कि केंद्र सरकार ने तत्काल सेना को राहत कार्यों के लिए भेजा है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "भले ही प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर हैं, लेकिन उन्हें यहां जो कुछ हो रहा है, उसकी जानकारी है और केंद्र सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है. एक सांसद के तौर पर, यह मेरा काम है कि मैं फंड जुटाऊं और सरकार को जमीनी हकीकत बताऊं."मंडी में हाल ही में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के कारण 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 लोग लापता हैं. सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में थुनाग, करसोग, गोहर और धर्मपुर उपमंडल शामिल हैं.
एकता और सहयोग की जरूरत
कंगना रनौत और मुख्यमंत्री फडणवीस के बयानों से यह साफ़ है कि भाषा के नाम पर हिंसा और बंटवारे की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है.