Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान का क्रैश एक हैरान कर देने वाली घटना थी. भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए थे, जिसके चलते विमान हादसे का शिकार हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक, विमान ने उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद ही महज 1.6 किलोमीटर की दूरी तय की और गिर गया.
AAIB की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि विमान के दोनों इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘रन’ से ‘कट ऑफ’ मोड में बदलने के कारण इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया. इससे विमान की पावर पूरी तरह से खत्म हो गई, जिससे विमान का नियंत्रण खो बैठा और वह बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिर गया. इसमें 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई और जमीन पर 33 लोग मारे गए.
फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजन में ईंधन की आपूर्ति को नियंत्रित करते हैं. इन स्विचों के दो प्रमुख मोड होते हैं:
विशेषज्ञों के अनुसार, इन स्विचों को गलती से बंद करना लगभग असंभव है, क्योंकि इन्हें ‘कट ऑफ’ में बदलने के लिए पायलट को पहले स्विच को ऊपर खींचना पड़ता है.
AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, विमान उड़ान के कुछ ही समय बाद दोनों फ्यूल स्विच ‘कट ऑफ’ स्थिति में चले गए, जिससे विमान की पावर खत्म हो गई. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में पायलटों के बीच बातचीत से यह भी सामने आया कि एक पायलट दूसरे से पूछ रहा था, तुमने फ्यूल क्यों बंद किया? और दूसरा पायलट जवाब देता है, 'मैंने कुछ नहीं किया.'
विशेषज्ञों का कहना है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच को गलती से बंद करना असंभव है, क्योंकि इसके लिए पायलट को जानबूझकर स्विच को उठाना और फिर ‘कट ऑफ’ मोड में ले जाना पड़ता है. अब सवाल यह उठता है कि स्विच किसने और क्यों बंद किया, खासतौर पर जब दोनों पायलट दावा कर रहे हैं कि उन्होंने ऐसा नहीं किया.
इस दर्दनाक हादसे के बाद, ब्लैक बॉक्स के विश्लेषण और संभावित तकनीकी या सिस्टम फेल्योर की जांच की जा रही है. यह हादसा एक बार फिर विमान सुरक्षा और ऑपरेशन प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है.