ENG vs IND, Rishabh Pant: मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट के दूसरे दिन ऋषभ पंत की बहादुरी ने सभी का दिल जीत लिया. टूटे हुए पैर की उंगली के बावजूद पंत ने दर्द को सहते हुए बल्लेबाजी की और भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया.
हालांकि, इस बीच एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. कुछ इंग्लिश खिलाड़ियों और दर्शकों ने पंत पर चोट का बहाना बनाने का आरोप लगाया और यहां तक कहा कि उन्हें 'टाइम आउट' कर देना चाहिए था. इस खुलासे ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है.
पहले दिन गेंदबाजी के दौरान पंत की दाहिनी पैर की उंगली में चोट लग गई थी, जिसके कारण वह रिटायर्ड हर्ट हो गए थे. मेडिकल टीम ने उनका इलाज किया लेकिन दर्द के बावजूद पंत ने दूसरे दिन बल्लेबाजी करने का फैसला किया. 37 रन से अपनी पारी शुरू करते हुए उन्होंने 54 रन बनाए, जिसमें 5 चौके और एक छक्का शामिल था.
उनकी इस पारी ने भारत को पहली पारी में 358 रनों तक पहुंचाने में मदद की. दर्द निवारक दवाइयों और इंजेक्शन के बावजूद पंत का मैदान पर उतरना और रन बनाना हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया.
पंत की इस बहादुरी को जहां दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों ने सराहा, वहीं कुछ इंग्लिश दर्शकों और पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी चोट पर सवाल उठाए. लॉयड ने कहा, "मैंने कभी पैर की उंगली में चोट नहीं झेली, लेकिन मैंने हाथ और गाल की हड्डी टूटने का दर्द सहा है. पंत को देखकर लग रहा था कि वह दर्द में हैं, फिर भी उनका मैदान पर आना वीरतापूर्ण था. लेकिन लाउंज में कुछ लोगों का कहना था कि पंत चोट का बहाना बना रहे हैं. कुछ ने तो यह भी कहा कि उन्हें टाइम आउट कर देना चाहिए."
लॉयड के इस खुलासे ने खेल भावना पर सवाल खड़े कर दिए. पंत को चोट के कारण क्रीज तक पहुंचने में समय लग रहा था और कुछ इंग्लिश दर्शकों ने इसे नियमों का उल्लंघन मानकर टाइम आउट की मांग की. क्रिकेट नियमों के अनुसार, अगर कोई बल्लेबाज दो मिनट के भीतर क्रीज पर नहीं पहुंचता, तो उसे टाइम आउट किया जा सकता है.