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India Daily

Ahmedabad Plane Accident: पानी बना 260 लोगों की मौत की वजह? अहमदाबाद विमान हादसे का असली सच अब आया सामने!

Ahmedabad Plane Accident: अमेरिकी वकील माइक एंड्रयूज, जो इस मामले में मृतकों के परिजनों का केस लड़ रहे हैं, उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और ब्लैक बॉक्स की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है.

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Edited By: Reepu Kumari
Ahmedabad Plane Accident
Courtesy: Pinterest

Ahmedabad Plane Accident: गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस भयानक दुर्घटना में फ्लाइट में सवार 242 यात्रियों और 18 क्रू मेंबर्स में से केवल एक व्यक्ति ही जिंदा बच पाया था. शुरुआत में हादसे की वजह को लेकर कई तरह के सवाल उठे, यहां तक कि पायलटों को भी जिम्मेदार ठहराया गया. लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आया है.

अमेरिका के जाने-माने वकील और विमानन मामलों के सीनियर अटॉर्नी माइक एंड्रयूज ने दावा किया है कि यह हादसा पायलट की गलती से नहीं बल्कि विमान में हुए शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ. उन्होंने कहा कि ब्लैक बॉक्स डेटा सामने आने के बाद सच्चाई साफ हो जाएगी.

ब्लैक बॉक्स और FAA रिपोर्ट से जुड़े बड़े खुलासे

अमेरिकी वकील माइक एंड्रयूज, जो इस मामले में मृतकों के परिजनों का केस लड़ रहे हैं, उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और ब्लैक बॉक्स की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है. एंड्रयूज का कहना है कि विमान के वॉटर लाइन कपलिंग में पानी का रिसाव हुआ था, जिससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण प्रभावित हुए और शॉर्ट सर्किट हुआ. यही शॉर्ट सर्किट फ्यूल स्विच के अपने आप बंद होने का कारण बना, जिससे विमान पर नियंत्रण खो गया.

उन्होंने अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) की 14 मई 2025 की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि पानी के रिसाव से विमानों के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को गंभीर खतरा हो सकता है. FAA ने स्पष्ट तौर पर बोइंग के कुछ मॉडलों—787-8, 787-9 और 787-10—का उल्लेख किया था. अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुआ एअर इंडिया का विमान भी बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था.

क्या पायलट पूरी तरह निर्दोष?

माइक एंड्रयूज ने कहा कि इस हादसे के लिए पायलट को जिम्मेदार ठहराना गलत है. उन्होंने साफ किया कि ब्लैक बॉक्स के डेटा से यह पुष्टि हो जाएगी कि विमान हादसे की असली वजह तकनीकी खराबी थी, न कि मानवीय गलती. गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब बोइंग विमानों में तकनीकी खामियों को लेकर सवाल उठे हैं. इस घटना ने न केवल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा की है, बल्कि एयरलाइंस और विमान निर्माताओं की जवाबदेही पर भी बहस छेड़ दी है.