आम आदमी पार्टी (AAP) के फायरब्रांड नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह जेल से रिहा हो गए हैं. बुधवार रात 8 बजे जब वे तिहाड़ जेल से बाहर आए तो हजारों AAP कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में नारे लगाए. संजय सिंह अपने चिर-परिचित अंदाज में नजर आए, वे गाड़ी पर खड़े हुए और हजारों कार्यकर्ताओं को शुक्रिया कहा.
जेल से आते ही संजय सिंह ने कार्यकर्ताओं से दो टूक कहा कि यह वक्त जश्न मनाने का नहीं, संघर्ष करने का है. उन्होंने साफ संदेश दे दिया है कि अब वे बैठने वाले नहीं हैं. संजय सिंह ने बाहर आते ही पूरे भरोसे के साथ यह कहा, 'अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जेल में बंद हैं. हमें भरोसा है कि इस जेल के ताले टूटेंगे और अरविंद केजरीवाल छूटेंगे.'
उनके इस दावे में कितना दम है, आइए परखते हैं.
क्या अरिविंद केजरीवाल के लिए जेल के ताले टूटेंगे?
आसान सा जवाब है, अभी नहीं. अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है. दिल्ली आबकारी नीति केस को लेकर सुनवाई चल ही रही है. जांच एजेंसी पहले ही आरोप लगा चुकी है कि अरविंद केजरीवाल जांच को लेकर सहयोग नहीं कर रहे हैं. बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत को लेकर सुनवाई भी हुई.
अरविंद केजरीवाल ने अदालत से रिहाई की मांग की है. केस की सुनवाई पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया लेकिन ईडी ने उनकी याचिका का जबरदस्त विरोध किया है.
ईडी की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें ऐसी हैं, जिन्हें सुनकर लग रहा है कि जांच एजेंसी अरविंद केजरीवाल को राहत देने के मूड में नहीं है. ईडी ने साफ कोर्ट में कहा है कि अधिकारी अंधेरे में तीर नहीं चला रहे हैं. प्रभावशाली लोग अपराध में शामिल हों तो आंकड़े जुटाने में दिक्कतें आती हैं. उनकी हिरासत अवैध नहीं है.
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के प्रावधान ऐसे हैं, जिनमें इतनी आसानी से बेल भी नहीं मिलती. जब तक ईडी संतुष्ट नहीं हो जाती, अरविंद केजरीवाल को बेल मिलने में परेशानियां आएंगी. 21 मार्च को 2024 को अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हुए हैं. अभी उनसे ईडी पूछताछ कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत पर टिपप्णी करते हुए पहले ही कहा था कि इसे नजीर नहीं माना जाएगा. संजय सिंह सिर्फ इसलिए रिहा हुए हैं कि क्योंकि उनकी रिहाई का विरोध ईडी ने नहीं किया है.
क्यों मनीष सिसोदिया की नहीं होगी रिहाई?
मनीष सिसोदिया पर, अरविंद केजरीवाल से भी ज्यादा गंभीर आरोप हैं. हालांकि मुख्य साजिशकर्ता ईडी ने अरविंद केजरीवाल को ही माना है. ईडी ने अरविंद केजरीवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग, करप्शन दोनों के गंभीर आरोप लगाए हैं. ईडी ने कहा है कि इस केस में मनी ट्रेल के बारे में भी पता चला है.
जब दिल्ली सरकार साल 2021 में दिल्ली आबकारी नीति लेकर आई थी, तब यह मंत्रालय मनीष सिसोदिया के पास ही था. ईडी ने 26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. उन पर पैसों के ट्रांजेक्शन, दलालों के साथ संपर्क और घूस के पैसों के चुनावी इस्तेमाल के गंभीर आरोप हैं. ऐसे में उनकी जमानत याचिका पर भी कोर्ट के लिए फैसला लेना आसान नहीं है. ईडी उनकी भी जमानत याचिका का विरोध कर रही है. ऐसे में अभी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए जेल से बाहर आ पाना, आसान नहीं है.
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