नई दिल्ली: जैसे ही सर्दी बढ़ती है, शरीर कई तरह की परेशानियों का सामना करने लगता है. इन्हीं में से एक आम समस्या है लोअर टमी दर्द, जो रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है.
अक्सर लोग इस दर्द को हल्के में ले लेते हैं, लेकिन मौसम से जुड़ी यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो असहज स्थिति पैदा कर सकती है. समय रहते कारण समझना जरूरी है.
सर्दियों में शरीर की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं, जिससे पेट के निचले हिस्से में खिंचाव और दर्द महसूस हो सकता है. ठंड के कारण रक्त संचार धीमा हो जाता है और पाचन तंत्र भी सुस्त पड़ जाता है. यही वजह है कि गैस, कब्ज और ऐंठन की शिकायतें इस मौसम में बढ़ जाती हैं.
ठंड के मौसम में महिलाओं को लोअर टमी दर्द अधिक हो सकता है. हार्मोनल बदलाव, मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं और ठंड का सीधा असर गर्भाशय की मांसपेशियों पर पड़ता है. ठंडी हवा या ठंडा फर्श भी दर्द को बढ़ाने का कारण बन सकता है.
सर्दियों में कम पानी पीना और तली-भुनी चीजें ज्यादा खाना लोअर टमी दर्द को बढ़ा सकता है. फाइबर की कमी से कब्ज की समस्या होती है, जिससे पेट के निचले हिस्से में भारीपन और दर्द महसूस होता है. गर्म और हल्का भोजन पाचन को बेहतर बनाए रखता है.
लोअर टमी दर्द में गर्म पानी की बोतल से सिकाई काफी राहत देती है. गुनगुना पानी पीना, अदरक या अजवाइन का सेवन और हल्की स्ट्रेचिंग फायदेमंद हो सकती है. शरीर को गर्म रखना और ठंडी सतह पर सीधे बैठने से बचना भी जरूरी है.
अगर लोअर टमी दर्द लगातार बना रहे, तेज हो जाए या इसके साथ उल्टी, बुखार या असामान्य लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. समय पर जांच से गंभीर समस्या से बचा जा सकता है और सही इलाज मिल सकता है.
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