Air India Plane Crash: अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के क्रैश ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया. टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही विमान मेघानी नगर के बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 242 में से 241 लोगों की जान चली गई. इस त्रासदी पर पूर्व कमर्शियल पायलट और यूट्यूबर गौरव तनेजा, जिन्हें ‘फ्लाइंग बीस्ट’ के नाम से जाना जाता है, ने हादसे की संभावित वजह बताई. उन्होंने इसे 'पायलट का बुरा सपना' करार देते हुए कहा कि दोनों इंजनों की विफलता ऐसी स्थिति है, जिसके लिए कोई भी पायलट पूरी तरह तैयार नहीं होता.
अपने इंटरव्यू में गौरव ने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के क्रैश के आखिरी पलों का तकनीकी विश्लेषण किया. उन्होंने बताया कि आधुनिक विमान इस तरह डिजाइन किए गए हैं कि टेकऑफ से पहले किसी भी बड़ी खराबी की चेतावनी दे देते हैं. गौरव ने कहा, 'अगर विमान उड़ान भरने में सक्षम था, तो शुरुआती सेकंड में सिस्टम ठीक था. लेकिन अगर कोई छोटी चेतावनी होती है, जो उड़ान की सुरक्षा को प्रभावित नहीं करती, तो विमान सिस्टम उसे दबा देता है ताकि पायलट टेकऑफ पर ध्यान दे सकें. 4,000-5,000 फीट की सुरक्षित ऊंचाई पर पहुंचने के बाद ही ऐसी चेतावनी दिखाई जाती है.'
गौरव ने वीडियो फुटेज का हवाला देते हुए बताया कि विमान का लैंडिंग गियर टेकऑफ के बाद भी नीचे रहा, जो असामान्य है. उन्होंने कहा, 'यह दर्शाता है कि टेकऑफ के तुरंत बाद कोई आपात स्थिति थी. पायलट शायद किसी समस्या को सुलझाने में व्यस्त थे, जिसके कारण वे गियर ऊपर करना भूल गए. विमान 400 फीट प्रति मिनट की दर से नीचे गिर रहा था.'
गौरव ने बताया कि हादसे का कारण दोनों इंजनों का एक साथ फेल होना हो सकता है, जो एक अत्यंत दुर्लभ स्थिति है. उन्होंने कहा, 'दोनों इंजन फेल होना एक अरब उड़ान घंटों में एक बार की घटना है. सिम्युलेटर में हम ऐसी स्थिति का अभ्यास करते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में यह पायलट का सबसे बड़ा बुरा सपना है.' उन्होंने आगे कहा, 'पायलटों को रेगिस्तान या खेतों में विमान उतारने की ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन शहरी इलाकों में, जहां इमारतें और राजमार्ग हैं, ऐसी स्थिति में कंट्रोल रखना लगभग असंभव है.'
गौरव ने सोशल मीडिया पर भी लिखा, 'ऐसा लगता है कि टेकऑफ के बाद दोनों इंजन फेल हो गए. आधुनिक विमान में पूरी तरह पावर लॉस होने से ही ऐसी स्थिति बनती है.' उन्होंने इसे 'बेहद दुर्लभ' बताया और कहा कि 600 फीट की ऊंचाई पर दोनों इंजन फेल होने पर पायलट के पास कुछ करने का समय ही नहीं होता.