Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को यूट्यूबर विकास पाठक जिन्हें हिंदुस्तानी भाऊ के नाम से भी जाना जाता है. उनको फिल्म निर्माता और कोरियोग्राफर फराह खान के खिलाफ होली समारोह पर कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर कड़ी फटकार लगाई. इसे पब्लिसिटी स्टंट करार देते हुए, अदालत ने याचिकाकर्ता को अपनी संवेदनशीलता कम करने की सलाह दी.
होली पर टिप्पणी से विवाद
फराह खान ने रियलिटी शो सेलिब्रिटी मास्टरशेफ में होली को 'छपरी का त्योहार' कहा था, जिसका दावा हिंदुस्तानी भाऊ ने अपनी याचिका में किया है. उनके वकील अली काशिफ खान ने तर्क दिया कि इस बयान से जनता में आक्रोश फैला और यह सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा बन सकता है. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं की, जिसके बाद पाठक ने हाई कोर्ट का रुख किया.
कोर्ट का सख्त बयान
जस्टिस रविंद्र घुगे और गौतम अंखड की खंडपीठ ने पाठक को आड़े हाथों लिया. कोर्ट ने कहा कि आप इतने संवेदनशील क्यों हैं? फराह खान ने छपरी कहा, लेकिन आप तो सज्जन व्यक्ति हैं, फिर दुःख क्यों? कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि उनके सामने 200 से अधिक मामले सूचीबद्ध हैं और ऐसी याचिकाएं कोर्ट का समय बर्बाद करती हैं. जजों ने मजाकिया अंदाज में कहा कि आपके मुवक्किल को नेशनल जियोग्राफी या ट्रैवल एंड लिविंग जैसे चैनल देखने चाहिए, इससे वे खुश रहेंगे.
प्रचार पर सवाल
कोर्ट की फटकार के बाद हिंदुस्तानी भाऊ ने अपनी याचिका वापस ले ली. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह के मामले केवल सुर्खियां बटोरने के लिए लाए जाते हैं. इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया और प्रचार के दुरुपयोग पर बहस छेड़ दी है.