menu-icon
India Daily

जब इस एक्टर ने शाहरुख की फिल्म ‘स्वदेस’ की स्क्रिप्ट को बताया था ‘बोरिंग’, आज तक नहीं देखी फिल्म

Aamir Khan: आमिर खान अपनी राय साझा करने से कभी नहीं झिझकते. हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्होंने शाहरुख खान की आइकॉनिक फिल्म स्वदेस (2004) को इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि उन्हें इसकी स्क्रिप्ट ‘बोरिंग’ लगी थी. यह बयान अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है.

auth-image
Edited By: Babli Rautela
Aamir Khan
Courtesy: Social Media

Aamir Khan: बॉलीवुड के ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ आमिर खान अपनी राय साझा करने से कभी नहीं झिझकते. हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्होंने शाहरुख खान की आइकॉनिक फिल्म स्वदेस (2004) को इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि उन्हें इसकी स्क्रिप्ट ‘बोरिंग’ लगी थी. आमिर ने यह भी बताया कि उन्होंने आज तक यह फिल्म नहीं देखी है, हालांकि उन्हें पता है कि दर्शकों ने शाहरुख के अभिनय को खूब सराहा. यह बयान अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है.

आमिर ने अपने इंटरव्यू में बताया कि लगान (2001) की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर ने उन्हें अपनी अगली फिल्म की कहानी सुनाई थी, जिसका शुरुआती नाम कावेरी अम्मा था. यह किरदार बाद में स्वदेस में मोहन भार्गव (शाहरुख खान) की पालक मां के रूप में सामने आया. लगान को ऑस्कर में बेस्ट विदेशी भाषा फिल्म का नामांकन मिला था और यह बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी. इस सफलता के बाद आशुतोष और आमिर की जोड़ी फिर से काम करने की योजना बना रही थी.

आमिर ने ठुकराई शाहरुख की स्वदेस

आमिर ने कहा, 'आशु ने मुझे लगान बनाते समय कावेरी अम्मा की कहानी सुनाई थी. यह तीन घंटे की लंबी कहानी थी. जब उन्होंने मुझसे पूछा कि मुझे कैसी लगी, तो मैंने कहा, ‘मैं बोर हो गया हूं.’ मैंने उनसे साफ कहा कि भले ही तुम्हारा विचार कितना नेक और जरूरी हो, लेकिन अगर इसे इतने बोरिंग तरीके से कहोगे, तो मुझे मजा नहीं आएगा.' 

आमिर ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने स्वदेस आज तक नहीं देखी, लेकिन उन्हें पता है कि शाहरुख की परफॉर्मेंस को दर्शकों और आलोचकों ने खूब पसंद किया. उन्होंने कहा, 'लोगों को शाहरुख का काम बहुत पसंद आया था. मैंने नोट किया कि उन्होंने इसे सही किया होगा.'

‘स्वदेस’ की विरासत

स्वदेस को शाहरुख खान के करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक माना जाता है. यह एक NASA वैज्ञानिक मोहन भार्गव की कहानी है, जो अपने गांव लौटकर सामाजिक बदलाव लाने की कोशिश करता है. फिल्म ने दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीते—सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक (उदित नारायण) और सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी (महेश आनंद). इसका गाना 'ये जो देश है तेरा' आज भी लोगों के दिलों में बस्ता है. हालांकि, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत रही, लेकिन समय के साथ इसने कल्ट स्टेटस हासिल किया.