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Electoral Bonds: अगर चुनाव जीते तो फिर से लाएंगे इलेक्टोरल बॉन्ड, सीतारमण का ऐलान तो कांग्रेस ने लगा दी क्लास

Electoral Bonds: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा है कि अगर हमारी सरकार वापस सत्ता में आती है तो इलेक्टोरल बॉन्ड को वापस लाया जाएगा. सीतारमण के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है.

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congress on sitharaman remark on bringing back electoral bond

Electoral Bonds: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उस बयान की आलोचना की है जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड को फिर से वापस लाया जाएगा. कपिल सिब्बल ने सीतारमण को निशाने पर लेते हुए कहा कि बीजेपी चुनावी बॉन्ड योजना को वापस लाने का इरादा रखती है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार देते हुए रद्द किया है.

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अगर बीजेपी जीतती है और चुनावी बांड बहाल करती है, तो इस बार वे कितना लूटेंगे. उन्होंने ककहा कि मैं निर्मल सीतारमण का बहुत सम्मान करता हूं लेकिन एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि हम चुनावी बांड वापस लाएंगे और यह भी कहा गया था कि जब चुनावी बांड पेश किए गए थे, तो उन्हें पारदर्शिता के लिए पेश किया गया था.

सीतारमण पर जयराम रमेश का हमला

जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि कहा कि सीतारमण ने घोषणा की है कि अगर भाजपा सत्ता में लौटती है, तो वे चुनावी बांड वापस लाएंगे जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक और अवैध घोषित किया है. हम जानते हैं कि भाजपा ने #PayPM घोटाले में जनता के 4 लाख करोड़ रुपये लूटे. अब वे लूट जारी रखना चाहते हैं. #PayPM के चार तरीकों को याद करें: 1) प्रीपेड रिश्वत - चंदा दो, धंधा लो, 2) पोस्टपेड रिश्वत - ठेका दो, प्रीपेड और पोस्टपेड रिश्वत की संयुक्त लागत: 3,8 लाख करोड़ रुपये; छापे के बाद रिश्वत - हफ्ता वसूली, छापे के बाद रिश्वत की लागत: 1,853 करोड़ रुपये; 4) फर्जी कंपनियां - मनी लॉन्ड्रिंग, फर्जी कंपनियों की लागत: 419 करोड़ रुपये अगर वे जीतते हैं और चुनावी बांड बहाल करते हैं, तो वे इस बार कितना लूटेंगे?

क्या बोल गईं थीं निर्मला सीतारमण

हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में निर्मला सीतारमण ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी की जीत होती है तो सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद किसी न किसी रूप में चुनावी बॉन्ड को वापस लाया जाएगा. आपको बताते चलें, सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए उसे असंवैधानिक करार दिया था.