share--v1

क्या सिंचाई घोटाले में ED के डर से थाम लिया बीजेपी का दामन? सवाल पर क्या बोले अजित पवार

पिछले साल जुलाई में अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. उन पर कथिस सिंचाई घोटाले में शामिल होने का आरोप है.

auth-image
India Daily Live

पिछले साल एनसीपी नेता अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से बगवात करने के बाद महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. इसके बाग उन्हें महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बना दिया गया था. इससे पहले पवार पर  कथित सिंचाई घोटाले में जांच और गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. एनडीए में शामिल होने के बाद विपक्षी दलों ने भी पवार पर सिंचाई घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया. 

हाल ही में अजित पवार ने विपक्ष द्वारा उनके कथित सिंचाई घोटाले में शामिल होने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. पवार ने इस बात से भी इंकार किया कि एनडीए में शामिल होने के लिए उन पर दबाव बनाया गया था. उन्होंने कहा कि सिंचाई मामले में जांच अभी भी चल रही है.

'जब मैं उनके साथ था तब कोई आरोप नहीं थे'
एक न्यूज चैनल से बातचीत में पवार ने कहा, 'आज जो विपक्षी नेता मुझ पर आरोप लगा रहे हैं मैंने उन सभी के साथ काम किया है. जब मैं उनके साथ था तब वे मुझ पर आरोप नहीं लगा रहे थे. जब मैं उनके साथ नहीं हूं तब वे मुझ पर इस कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं.'

क्या ED के डर से थामा बीजेपी का दामन
यह पूछे जाने पर कि कि क्या आपने ईडी की जांच के डर से बीजेपी का दामन थामा? इस सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि  जयंत पाटिल, अनिल देशमुख,  जितेंद्र अवहद, राजेश टोपे समेत एनसीपी के सभी विधायक और पार्षद उस समय भी भाजपा में शामिल होना चाहते थे जब वे उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा थे.

भाजपा की वॉशिंग मशीन में धुलकर बेदाग हो गए पवार

बता दें कि शरद पवार और सुप्रिया सुले आरोप लगाते हैं कि अजित पवार और एनसीपी के अन्य नेताओं ने केंद्रीय जांच एजेंसियों से बचने के लिए एनडीए का दामन थामा था. वे यह भी दावा करते हैं कि भाजपा एक ऐसी वॉशिंग मशीन बन गई है जिसमें सभी भ्रष्टाचारी नेता धुलकर बेदाग हो जाते हैं. गौरतलब है कि अजित पवार ने पिछले साल जुलाई में एनसीपी से अलग हो गए थे.

Also Read