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सूरत के बाद इंदौर में मैदान छोड़कर भागा कांग्रेस कैंडिडेट! आखिर BJP से कैसे लड़ेगा विपक्ष?

इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. कैलाश विजयवर्गीय ने अक्षय बम के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है.

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अक्षय कांति बम

गुजरात के सूरत लोकसभा सीट के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) को इंदौर में भी बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस ने अक्षय कांति बन को इस लोकसभा सीट से उतारा था, उन्होंने अपना नाम ही वापस ले लिया है. यह बीजेपी के लिए मैदान खाली कर देने जैसा है. इस मौके को बीजेपी महासचिव कैलाश विजय वर्गीय भुनाने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने नामांकन वापस लेने के ऐलान के बाद ही एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अब अक्षय कांति को बीजेपी में स्वागत है.

कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, 'इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में स्वागत है.' अक्षय कांति बम बीजेपी विधायक रमेश मंडोला के साथ कलेक्टर के दफ्तर गए थे और नामांकन वापस ले लिया.

इधर दिया इस्तीफा, उधर कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी में हुए सवार

इंदौर से नामांकन वापस लेने के बाद ही तत्काल अक्षय बम ने बीजेपी का हाथ थाम लिया. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की तैयारी एक अरसे से की थी, अब बड़ा झटका लग गया है. कांग्रेस ने मार्च में ही उनके नाम का ऐलान कर दिया था. टिकट मिलने के बाद अक्षय ने ट्वीट किया था, 'मैं शीर्ष नेतृत्व का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे यह अवसर दिया. हार और जीत राजनीति का हिस्सा है. सबसे जरूरी यह है कि लोग आपकी बात का भरोसा करते हैं.'
 

अक्षय बम ने पहले इंदौर से टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने नहीं दिया था. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से शंकर लालवानी को उतारा है. कैलाश विजयवर्गीय के दबदबे वाली इस सीट पर अब कोई बड़ी विपक्षी पार्टी नहीं है. ऐसा लग रहा है कि इस सीट का भी हाल, सूरत की तरह ही होगा. कांग्रेस से एक के बाद एक लोग नाराज होकर चले जा रहे हैं, या टिकट वापस कर दे रहे हैं. इंडिया गठबंधन को झटके पर झटका लग रहा है. 

कैसे बीजेपी से लड़ पाएगा इंडिया ब्लॉक?

इंडिया ब्लॉक की सबसे मजबूत पार्टी है कांग्रेस. कांग्रेस में इन दिनों भगदड़ मची है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं की एक लंबी लिस्ट है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके जाने के बाद कांग्रेस, दिल्ली में ही कमजोर पड़ गई है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस पहले कलह से जूझ रही है.

सूरत में बीजेपी ने निर्विरोध ही चुनाव जीत लिया था क्योंकि नीलेश कुंभानी को प्रस्तावक ही नहीं मिले थे. उन्हें पार्टी ने 6 साल के लिए बाहर की राह भी दिखा दी. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी में हैं. हाल ही में गौरव वल्लभ ने भी कांग्रेस छोड़ दी थी. कांग्रेस को एक के बाद एक झटका लग रहा है. अगर यही हाल रहा तो इसी चुनाव में कांग्रेस को जनता भी बड़ा झटका दे सकती है.