JRF vs PhD: यूजीसी नेट 2025 का रिजल्ट घोषित होते ही हज़ारों उम्मीदवारों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लेकिन अब उनके सामने एक बड़ा सवाल खड़ा है क्या वे जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) चुनें या किसी विश्वविद्यालय से मिलने वाली पीएचडी फेलोशिप के लिए आगे बढ़ें? अगर आपने JRF क्वालिफाई किया है तो यह एक शानदार मौका है. JRF वो फेलोशिप है जो यूजीसी द्वारा दी जाती है और इसमें आपको ₹35,000 से शुरू होकर ₹42,000 तक की मासिक राशि मिल सकती है.
इसके साथ ही HRA और अन्य लाभ भी मिलते हैं. यह फेलोशिप उन छात्रों को मिलती है, जिन्होंने नेट परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. JRF के तहत आप किसी भी विश्वविद्यालय या रिसर्च संस्थान में पीएचडी कर सकते हैं और वहां के सर्वोत्तम रिसोर्सेज और गाइडेंस का फायदा उठा सकते हैं.
दूसरी ओर, अगर आपने JRF क्वालिफाई नहीं किया है, तब भी आपके पास विकल्प हैं. कई यूनिवर्सिटी या एजेंसीज़ जैसे ICSSR, ICMR, या DST भी अपनी तरफ से पीएचडी फेलोशिप देती हैं. इनके लिए आपको उनके खुद के टेस्ट या इंटरव्यू से गुजरना होता है.इनकी राशि ₹25,000 से ₹35,000 के बीच हो सकती है. हालांकि इनमें JRF जैसे सभी लाभ न मिलें, लेकिन ये एक अच्छा विकल्प है, खासकर तब जब आप किसी खास टॉपिक पर काम करना चाहते हैं.
JRF को ज्यादा प्रतिष्ठित और स्थिर माना जाता है, लेकिन पीएचडी फेलोशिप ज्यादा लचीली होती है. JRF से आपको लंबे समय के लिए एक सुरक्षित अकादमिक करियर मिल सकता है, जबकि पीएचडी फेलोशिप आपको अपने पसंदीदा विषय पर काम करने की आजादी देती है.
निचोड़ ये है-अगर आपने JRF क्वालिफाई किया है, तो वो प्राथमिक विकल्प होना चाहिए. लेकिन अगर नहीं किया, तो भी हार मानने की जरूरत नहीं है. एक अच्छी फेलोशिप, मजबूत रिसर्च प्लान और सही गाइड आपको किसी भी ऊंचाई तक पहुंचा सकते हैं. बस जरूरी है सही जानकारी, सही दिशा और थोड़ी सी लगन.