CBSE Security Rules: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूलों में छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. बोर्ड ने अपने उप-कानून में संशोधन करते हुए स्कूल परिसरों में व्यापक सीसीटीवी निगरानी प्रणाली लागू करने का निर्देश दिया है. इस नई नीति के तहत, स्कूलों को सभी प्रमुख क्षेत्रों में उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने होंगे, ताकि वास्तविक समय में ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग सुनिश्चित की जा सके. यह कदम स्कूलों को सुरक्षित और पारदर्शी वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है.
सीबीएसई के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, स्कूलों को अपने सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं, लॉबी, गलियारों, सीढ़ियों, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, कैंटीन, स्टोर रूम और खेल के मैदानों जैसे सामान्य क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे. हालांकि, गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए, शौचालयों और वॉशरूम में कैमरे स्थापित नहीं किए जाएंगे. “यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी प्रमुख क्षेत्रों में वास्तविक समय की ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग हो, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके,” सीबीएसई के एक अधिकारी ने कहा.
CBSE has made amendment in by-law mandating schools to install high resolution CCTV Cameras with audio-visual facility at all the entry and exit points of the school, lobbies, corridors, staircases, all the classrooms, labs, library, Canteen Area, store room, playground and other… pic.twitter.com/H3doF4zHuY
— ANI (@ANI) July 21, 2025
सुरक्षा और पारदर्शिता का लक्ष्य
इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्कूल परिसरों में सुरक्षा मानकों को और सुदृढ़ करना है. सीसीटीवी निगरानी के माध्यम से स्कूल प्रबंधन न केवल अनुशासनहीनता और अनधिकृत गतिविधियों पर नजर रख सकेगा, बल्कि आपातकालीन स्थितियों जैसे दुर्घटना, चोरी या अन्य अप्रिय घटनाओं को रोकने में भी सक्षम होगा. यह प्रणाली अभिभावकों को भी आश्वस्त करेगी कि उनके बच्चे एक सुरक्षित और निगरानी वाले वातावरण में पढ़ रहे हैं.
स्कूलों के लिए चुनौतियां और तैयारी
हालांकि यह कदम स्वागत योग्य है, लेकिन छोटे और मध्यम बजट वाले स्कूलों के लिए इस नीति को लागू करना एक चुनौती हो सकता है. उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरों और ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग सिस्टम की स्थापना में लागत एक महत्वपूर्ण कारक हो सकती है. सीबीएसई ने स्कूलों को इस प्रणाली को लागू करने के लिए एक निर्धारित समयसीमा दी है, ताकि वे आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कर सकें.
भविष्य के लिए एक मॉडल
सीबीएसई का यह कदम अन्य शैक्षिक बोर्डों और संस्थानों के लिए एक मॉडल बन सकता है. यह न केवल स्कूलों में सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि तकनीकी नवाचारों को शिक्षा क्षेत्र में एकीकृत करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. इस नीति से स्कूलों में एक पारदर्शी और जवाबदेह वातावरण स्थापित होगा, जो समग्र शैक्षिक अनुभव को बेहतर बनाएगा.