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Super 100 scheme: मेडिकल-इंजीनियरिंग की कोचिंग अब फ्री, सुपर 100 की हो गई शुरुआत

सुपर 100 प्रोग्राम की शुरुआत की है. इस कार्यक्रम से उन बच्चों की टेंशन कम होगी जिनके सपनों के आगे पैसा एक बहुत बड़ी परेशानी बन कर खड़ा है. चलिए जानते हैं इस प्रोग्राम के बारे में. इस प्रोग्राम का लाभ मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को मिलेगा.

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Edited By: Reepu Kumari
Uttarakhand government Super 100 scheme
Courtesy: Pinterest

Uttarakhand government Super 100 scheme: सरकार का यही लक्ष्य है कि हर बच्चे का सपना पूरा हो. गरीबी उनके सपनों को कभी अपने पैरो तले कुचल ना सके. उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को युवाओं को एक बड़ी खुशखबरी दी है. ये उन छात्रों के लिए ज्यादा अहम है जो मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए तैयारी कर रहे हैं. उत्तराखंड सरकार मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने वाले छात्रों को अब बिना पैसे के ही पढ़ाई में मदद करेगी.

इसके लिए सुपर 100 प्रोग्राम की शुरुआत की है. इस कार्यक्रम से उन बच्चों की टेंशन कम होगी जिनके सपनों के आगे पैसा एक बहुत बड़ी परेशानी बन कर खड़ा है. चलिए जानते हैं इस प्रोग्राम के बारे में. इस प्रोग्राम का लाभ मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को मिलेगा.

सूपर 100 प्रोग्राम

उत्तराखंड की सरकार ने मेधावी विद्यार्थियों को मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग देने के लिए ‘सुपर 100’ कार्यक्रम की शुरुआत की. विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ‘‘समग्र शिक्षा अभियान’’ के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 12वीं विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों के लिए कार्यक्रम की शुरुआत की.

100 मेधावी विद्यार्थियों का चयन

कार्यक्रम के तहत प्रवेश परीक्षा के आधार पर राज्य के 100 मेधावी विद्यार्थियों का चयन किया गया है. उन्होंने कहा कि एक जून से 15 जुलाई तक कुल 45 दिनों तक देहरादून में चलने वाले इस कार्यक्रम में चयनित विद्यार्थियों को सभी सुविधाएं निशुल्क दी जाएंगी, जिनमें भोजन, आवास, अध्ययन सामग्री और कोचिंग के लिए शिक्षकों की व्यवस्था शामिल है.

अवंती फेलोज संस्था का भी सहयोग

मंत्री जी ने कहा कि इस कार्यक्रम में अवंती फेलोज संस्था का भी सहयोग लिया जा रहा है. समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला ने कहा कि 45 दिनों की ऑफलाइन पढ़ाई के बाद ये विद्यार्थी अपने स्कूल लौट जाएंगे और इसके बाद इन्हें पूरे साल ऑनलाइन कोचिंग दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कोचिंग के दौरान विद्यार्थियों का निरंतर मूल्यांकन किया जाएगा ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तरीके से तैयारी कर सकें.