Years Ender 2025: साल 2025 कई मायनों में दर्द, हादसे और बुलंद आवाज से भरा रहा है. शिक्षा परिसरों को अक्सर सीख और संवाद का केंद्र माना जाता है, लेकिन 2025 में यही परिसर विरोध और असंतोष के बड़े मंच बनकर उभरे. छात्र केवल अपनी पढ़ाई से जुड़े मुद्दों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने सुरक्षा, समानता, धार्मिक स्वतंत्रता और जवाबदेही जैसे सवाल भी मजबूती से उठाए. कई जगहों पर छात्रों के प्रदर्शन ने प्रशासन को फैसले बदलने पर मजबूर किया.
इन आंदोलनों की खास बात यह रही कि इनमें से कई ने व्यापक सामाजिक और राजनीतिक चिंताओं को भी उजागर किया. कहीं फीस वृद्धि ने नाराजगी बढ़ाई तो कहीं पहचान और अधिकारों को लेकर छात्र लामबंद हुए. भारत ही नहीं, विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्र भी अपने भविष्य से जुड़े नियमों के खिलाफ मुखर नजर आए.
तिरुपति स्थित राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न के आरोप सामने आने के बाद छात्रों ने सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. छात्र संगठनों ने आरोपित शिक्षकों के निलंबन और कैंपस सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया. मामले में गिरफ्तारी के बाद भी छात्र पारदर्शी जांच और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग पर अड़े रहे.
मुंबई के एक कॉलेज में बुर्का प्रतिबंध के खिलाफ छात्राओं ने भूख हड़ताल शुरू की. उनका आरोप था कि बिना पूर्व सूचना नियम लागू किए गए. प्रदर्शन के दौरान छात्राओं ने संवाद का अवसर न मिलने और प्रशासन की चुप्पी पर नाराजगी जताई, जिससे मामला और तूल पकड़ गया.
असम के तेजपुर विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोपों के चलते हालात इतने बिगड़े कि संस्थान को बंद करना पड़ा. छात्रों और कर्मचारियों ने जांच पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की, जिससे कक्षाएं और परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ीं.
पंजाब विश्वविद्यालय में सीनेट चुनाव की मांग को लेकर छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया. अचानक छुट्टी और परीक्षाओं के स्थगन से गुस्साए छात्रों ने प्रशासन पर टालमटोल और जवाबदेही से बचने का आरोप लगाया.
जम्मू के वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश को लेकर विवाद ने बड़े पैमाने पर विरोध को जन्म दिया. चयन प्रक्रिया नियमों के अनुसार होने के बावजूद धार्मिक आधार पर सवाल उठाए गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण बना रहा.
केरल में पीएम श्री योजना को लेकर छात्र संगठन सड़कों पर उतर आए. छात्रों ने इसे राज्य की शिक्षा नीति और वैचारिक रुख के खिलाफ बताया, जबकि सरकार ने वित्तीय मजबूरी का हवाला दिया.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि बढ़ी हुई फीस से कमजोर तबकों के छात्रों की पढ़ाई खतरे में पड़ जाएगी.
दिल्ली में एसएससी परीक्षा उम्मीदवारों ने कुप्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया. सर्वर क्रैश और केंद्रों की अव्यवस्था से नाराज छात्रों ने पारदर्शिता और सुधार की मांग उठाई.
अशोका विश्वविद्यालय में नए सुरक्षा नियमों को लेकर छात्रों ने निजता के उल्लंघन का आरोप लगाया. बिना परामर्श लागू किए गए नियमों के खिलाफ बड़ी संख्या में छात्रों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया.
कनाडा के क्यूबेक प्रांत में भारतीय छात्रों ने फ्रेंच परीक्षा की अनिवार्यता के खिलाफ प्रदर्शन किया. छात्रों ने नियमों में असमानता और भविष्य को लेकर अनिश्चितता की बात कही, जिससे यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय चर्चा में आ गया.