Big UPS Update: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात दी है. अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत आने वाले सभी केंद्र सरकार के कर्मचारी भी ठीक उसी तरह रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी (Gratuity) के हकदार होंगे जैसे पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में मिलती है. यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को दी.
इस फैसले के बाद लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी. अब उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और सेवा के दौरान किसी दुर्घटना या मृत्यु की स्थिति में उनके परिवार को OPS जैसी सुविधाएं मिलेंगी.
UPS एक नई स्कीम है जिसे केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से लागू किया है. इसका उद्देश्य NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) और OPS (पुरानी पेंशन योजना) के कुछ फायदों को मिलाकर एक स्थायी और सुरक्षित पेंशन व्यवस्था तैयार करना है. UPS को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह कर्मचारियों को निश्चित पेंशन के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करे.
कार्मिक मंत्रालय के पेंशन विभाग (DOPPW) ने बुधवार को एक अहम आदेश जारी किया, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि UPS के तहत आने वाले कर्मचारी अब केंद्रीय सिविल सेवा (NPS के तहत ग्रेच्युटी भुगतान) नियम, 2021 के अंतर्गत रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी के पात्र होंगे.
इसका मतलब है कि UPS वाले कर्मचारी भी अब OPS की तरह 25 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी का लाभ उठा सकेंगे. अगर कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु, विकलांगता या असमर्थता हो जाती है, तो उसके परिवार को OPS की तर्ज पर सभी लाभ मिलेंगे.
केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह कदम कर्मचारियों की एक लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है. उन्होंने कहा, 'सरकार की मंशा है कि हर कर्मचारी को सामाजिक सुरक्षा मिले. अब NPS और UPS के बीच भेदभाव नहीं रहेगा.' उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 11 सालों में कार्मिक मंत्रालय ने कई सुधार किए हैं जिससे शासन आसान बना है और कर्मचारियों व नागरिकों को अधिक सशक्त किया गया है.
DOPPW के सचिव वी श्रीनिवास ने कहा कि नया आदेश प्रगतिशील है और कर्मचारियों की चिंता को दूर करता है. उन्होंने कहा, 'अब कर्मचारी यह विकल्प चुन सकता है कि यदि उसकी नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को OPS के तहत लाभ मिले.'
अखिल भारतीय NPS कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने इस फैसले को “ऐतिहासिक और ज़रूरी” बताया. उन्होंने कहा, “अब कर्मचारियों की NPS को लेकर जो भी गलतफहमियां थीं, वो दूर हो जाएंगी. इससे ज़्यादा कर्मचारी UPS को चुनने के लिए आगे आएंगे.”
गौरतलब है कि 2021 में NPS नियमों में यह प्रावधान जोड़ा गया था कि सेवा के दौरान मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में कर्मचारी NPS या OPS में से किसी एक का विकल्प चुन सकता है. अब यही प्रावधान UPS में भी शामिल कर लिया गया है. सरकार की मंशा है कि भविष्य में पेंशन व्यवस्था को और अधिक मानवीय, पारदर्शी और लाभकारी बनाया जाए. UPS इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो NPS और OPS के बीच का पुल बनकर सामने आया है.