Vehicle insurance Scam: आजकल हर कोई अपने वाहन का बीमा जरूर कराता है ताकि एक्सीडेंट या चोरी जैसी स्थिति में नुकसान की भरपाई हो सके. लेकिन अगर बीमा ही फर्जी निकले तो सोचिए, नुकसान कितना बड़ा हो सकता है! कुछ ऐसा ही हुआ है देश में हजारों वाहन मालिकों के साथ, जिन्होंने सोच-समझकर बीमा तो कराया, लेकिन उन्हें असली के नाम पर नकली पॉलिसी थमा दी गई.
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक बड़े ऑनलाइन इंश्योरेंस स्कैम का भंडाफोड़ किया है, जिसमें 80 हजार से ज्यादा फर्जी पॉलिसियां बेची गईं.खास बात यह है कि स्कैमर्स ने टू-व्हीलर चालकों को थ्री-व्हीलर और फोर-व्हीलर के नाम पर ज्यादा पैसे लेकर गलत पॉलिसी थमा दी. इस घोटाले ने सभी को झकझोर कर रख दिया है.
बीमा कंपनी के इंटरनल ऑडिट में गड़बड़ी सामने आई. थर्ड पार्टी क्लेम्स की जांच में पाया गया कि कुछ डाटा मैच नहीं कर रहा था. वहीं MACT को भी शिकायतें मिलने लगीं, जिससे शक गहराया.
स्कैमर्स ने बीमा कंपनियों की वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट्स बनाईं और उन पर लोगों को भ्रमित कर पॉलिसी बेचनी शुरू कर दी. ग्राहक को असली पॉलिसी की बजाय नकली डॉक्यूमेंट थमा दिए गए.
बाइक या स्कूटर वालों से थ्री-व्हीलर और कार इंश्योरेंस के नाम पर ज्यादा रकम वसूली गई. क्लेम के समय जब डिटेल्स जांची गईं, तब जाकर असली सच्चाई सामने आई.
2022 से 2023 के बीच 80,000 से ज्यादा फर्जी पॉलिसी जारी हुईं. इनमें से केवल 14 असली निकलीं और बाकी सब फर्जी थीं. स्कैमर्स ने ग्राहकों की डिटेल्स में हेरफेर कर उन्हें ठगा.
ज्यादातर फर्जी पॉलिसी ऑनलाइन खरीदी गईं. इनमें यूपीआई, नेट बैंकिंग और कार्ड पेमेंट शामिल थे, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल हो गई.
स्कैमर्स ने कई फर्जी ईमेल, फोन नंबर और पते बनाए. असली बीमा कंपनियों की नकल कर पूरा सिस्टम सेट किया गया.
अब इस पूरे मामले में केस दर्ज हो चुका है और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच में जुटी है. जल्द ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.
बीमा खरीदते समय हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट या रजिस्टर्ड एजेंट से ही संपर्क करें. डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें और डिटेल्स को वेरिफाई करें.
बीमा कंपनियां अब सिस्टम को और सिक्योर करने की तैयारी में हैं. साथ ही सरकार भी ऑनलाइन बीमा सिस्टम पर सख्ती लाने की योजना बना रही है.