हाल के दिनों में भारत में सोशल मीडिया पर एक नया और मजेदार ट्रेंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है फेक वेडिंग. आखिर यह फेक वेडिंग क्या है, और जेन Z के बीच यह इतना पसंद क्यों किया जा रहा है? आइए जानते हैं.
फेक वेडिंग क्या है?
फेक वेडिंग, जैसा कि नाम से पता चलता है, एक ऐसी शादी है जिसमें सारी रस्में और उत्सव तो होते हैं, लेकिन कोई असली शादी नहीं होती. इसमें न कोई कानूनी समारोह होता है, न ही कोई जोड़ा वास्तव में विवाह के बंधन में बंधता है. यह एक मंचित आयोजन है, जहां दोस्त मिलकर हल्दी, मेहंदी, संगीत और बारात जैसे पारंपरिक शादी के सभी रंगों का आनंद लेते हैं. बस अंतर इतना है कि कोई दूल्हा-दुल्हन असल में शादी नहीं करते.
जेन Z का इस ट्रेंड से लगाव
भारत में जेन Z के बीच फेक वेडिंग यादें बनाने, सोशल मीडिया कंटेंट तैयार करने और मस्ती का पर्याय बन चुका है. इसकी लोकप्रियता के कारण हैं: बिना तनाव, सिर्फ मस्ती: पारंपरिक शादियों में भावनात्मक और आर्थिक दबाव होता है. फेक वेडिंग में केवल आनंद की जगह होती है.
सोशल मीडिया के लिए परफेक्ट: इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फेक वेडिंग के लिए कोरियोग्राफ्ड डांस और शानदार आउटफिट की तस्वीरें आदर्श हैं.
पहनावे का मौका: भारतीय शादियों का फैशन प्रसिद्ध है. फेक वेडिंग में हर कोई अपने सपनों का लहंगा या शेरवानी पहन सकता है.
दोस्तों का उत्सव: यह आयोजन दोस्तों द्वारा दोस्तों के लिए होता है, जिसमें पारिवारिक ड्रामे की कोई जगह नहीं होती.
फेक वेडिंग का आयोजन
फेक वेडिंग को आयोजकों की इच्छा के अनुसार साधारण या भव्य बनाया जा सकता है. कुछ लोग इसे सरप्राइज बर्थडे पार्टी के रूप में आयोजित करते हैं, तो कुछ शादी के वेन्यू किराए पर लेते हैं और मेकअप आर्टिस्ट व फोटोग्राफर तक हायर करते हैं. एक “फेक” दूल्हा-दुल्हन चुना जाता है, जो सिर्फ मस्ती और तस्वीरों के लिए यह भूमिका निभाते हैं.
क्या यह सिर्फ एक ट्रेंड है?
फिलहाल, फेक वेडिंग जेन Z के लिए एक मजेदार सामाजिक आयोजन है, न कि कोई गंभीर परंपरा. लेकिन यह ट्रेंड दर्शाता है कि युवा पीढ़ी औपचारिकताओं से ज्यादा अनुभवों को महत्व देती है. यह उनकी रचनात्मकता और बेफिक्र अंदाज को दर्शाता है, जो हर पल को अपने तरीके से खास बनाता है.