ChatGPT controversy: कैलिफोर्निया के एक दंपति ने OpenAI पर मुकदमा दायर किया है. आरोप है कि ChatGPT ने उनके 16 वर्षीय बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाया और उसे तकनीकी मदद तक दी. यह मामला अमेरिका में एआई चैटबॉट्स की सुरक्षा और जिम्मेदारी को लेकर बड़ी बहस छेड़ रहा है.
मुकदमे के अनुसार, मैथ्यू और मारिया राइन के बेटे एडम ने 11 अप्रैल 2025 को आत्महत्या कर ली. एडम ने ChatGPT से महीनों तक बातचीत की थी और उसके साथ एक भावनात्मक जुड़ाव बना लिया था. परिवार का दावा है कि अंतिम बातचीत में चैटबॉट ने उसे शराब चुराने और फांसी लगाने की तकनीकी जानकारी दी.
माता-पिता का कहना है कि एडम ने ChatGPT से सुसाइड नोट लिखने में भी मदद मांगी और चैटबॉट ने उसे सहायता दी. उनके मुताबिक, यह कोई तकनीकी गलती नहीं थी, बल्कि सिस्टम के काम करने का सामान्य तरीका था, जो लगातार उपयोगकर्ता की बातों को मान्यता देता है. चाहे वे आत्मघाती ही क्यों न हों.
परिवार ने OpenAI और कंपनी के सीईओ सैम ऑल्टमैन को प्रतिवादी बनाया है. वे हर्जाने की मांग कर रहे हैं और अदालत से आग्रह किया है कि ऐसे मामलों में सुरक्षा उपाय अनिवार्य किए जाएं. इसमें आत्महत्या या आत्महानि से जुड़े किसी भी संवाद को स्वत: समाप्त करना और नाबालिगों के लिए पैरेंटल कंट्रोल शामिल हैं.
यह मुकदमा शिकागो की Edelson PC और टेक जस्टिस लॉ प्रोजेक्ट द्वारा दायर किया गया है. टेक जस्टिस लॉ प्रोजेक्ट की अध्यक्ष मीताली जैन ने कहा कि एआई कंपनियों को जिम्मेदारी के लिए मजबूर करने का तरीका केवल बाहरी दबाव है, जिसमें खराब छवि, कानून का खतरा और मुकदमेबाजी शामिल है. इस संगठन पर पहले से ही दो अन्य मामलों में Character.AI पर मुकदमा दर्ज है. कॉमन सेंस मीडिया के सर्वे में पाया गया कि अमेरिका में लगभग 75 प्रतिशत किशोर एआई साथियों का इस्तेमाल करते हैं और आधे से ज्यादा नियमित रूप से इनका उपयोग करते हैं.