पहले चरण की वोटिंग के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक आक्रामक मोड में आ गए हैं. पहले चरण की 102 सीटों पर 3 से 4 प्रतिशत कम वोटिंग के बाद पीएम मोदी की बयानबाजी से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपनी 'कट्टर हिंदू' छवि को और मजबूत करना चाहते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि वह ऐसा करके अपने वोटबैंक को लामबंद करना चाहते हैं और वोटिंग में आ रही कमी को एक बार फिर से बढ़ाना चाहते हैं.
खुद बीजेपी के ही कुछ नेताओं ने माना है कि उनकी पार्टी के नेता ओवरकॉन्फिडेंस में आ गए जिसके चलते पहले चरण में कम वोटिंग हुई. अब पीएम मोदी ने संपत्ति को बांट दिए जाने, मुस्लिम कोटा, SC-ST आरक्षण के बहाने कांग्रेस को जबरदस्त घेरने की कोशिश शुरू कर दी है. इतना ही नहीं, उन्होंने इशारों ही इशारों में मुस्लिमों को घुसपैठिया और ज्यादा बच्चे पैदा करने वाला तक बता दिया.
जहां विपक्ष के कई नेता पीएम मोदी को मुद्दों की राजनीति करने की सलाह दे रहे हैं. वहीं, बीजेपी के नेता इससे उत्साहित हैं. कई सीटों पर हालात भी ऐसे हैं कि अगर 2 से 4 प्रतिशत का भी फर्क आ गया तो वहां नतीजे बदल सकते हैं, ऐसे में बीजेपी अब उन मतदाताओं पर जोर लगा रही है जो 'जीत रहे हैं' के भरोसे में वोट डालने ही नहीं जा रहे हैं.