iPhone Ban in France: एप्पल ने 12 सितंबर को एक बड़ा इवेंट किया. इस इवेंट के जरिए उसने बाजार में आईफोन15 सीरीज लॉन्च की. इस सीरीज में APPLE ने 4 मॉडल पेश किया. एक तरफ लॉन्चिंग हुई तो दूसरी ओर बीते मंगलवार को फ्रांस ने एप्पल के आईफोन 12 पर बैन लगा दिया. ये बैन SAR की वजह से लगा है. अब सवाल ये उठ रहा है कि आखरि जिस चीज की वजह से बैन लगा है वो है क्या? आज हम आपको उसी SAR के बारे में बताएंगे कि आखिर ये चीज है क्या जिससे एप्पल को नुकसान हो गया.
बीते मंगलवार को फ्रांस की रेडिएशन वॉचडाग एजेंसी ANFR (Agence Nationale des Fréquences) ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा कि एप्पल आईफोन 12 से निकलने वाले रेडिएशन मानकों के ऊपर है. इसके लिए एएनएफआर ने एक सार (SAR) टेस्ट कराया जिसमें पाया गया कि एप्पल के आईफोन 12 में SAR लेवल मानक से कहीं अधिक है. इसके बाद एजेंसी ने तुरंत रूप से आईफोन 12 की बिक्री पर तत्काल रूप से प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि जब तक यह कम नहीं हो जाता तब तक इसके बिक्री अनुमति नहीं है.
एसआर का फुल फॉर्म होता है स्टैंडर्ड अब्सॉर्प्शन रेट (Standard Absorption Rate). यह एक प्रकार की ऊर्जा यानी एनर्जी होती है. इस एनर्जी को शरीर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाले रेडिएशन के जरिए अपने अंदर लेता है. हमारे शरीर के वजन के हिसाब से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाले रेडिएशन हमारे शरीर के लिए घातक साबित हो सकते हैं. इसका पैमाना वाट के हिसाब से होता है. हमारी बॉडी का वजन कितना होता है उसी के अनुसार यह रेडिएशन से निकलने वाली ऊर्जा को अवशोषित करता है.
इससे रेडियो फ्रिकवेंसी वेव निकलती है जो कि चुंबकीय फील्ड का निर्माण करती है. जैसे कि एक्स रे और गाम रे रेडियोधर्मी क्षय के कारण उत्पन्न होती हैं. इसी तरह से फोन से निकलने वाली रेडिएशन एनर्ज हमारे शरीर की कोशिकाओं में कोई रासायनिक बदलाव नहीं कर सकती है इसके चलते ज्यादा मात्रा में निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर का खतरा होता है.
मोबाइल फोन से निकलने वाले "आयनित न होने वाला" टाइप वाले रेडिएशन से निकलने वाली गर्मी ऊतक (Tissue) को गर्म कर देती है. जब रेडिएशन लिमिट से ऊपर हो जाता है तो यह हमारे शरीर के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है. फ्रांस की ANFR एजेंसी की जांच में एप्पल आईफोन 12 में 5.74 किलोग्राम पर वाट सार पाया गया, वहीं इसका स्टैंडर्ड 4 किलोग्राम पर वाट है.
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