RBI Rules: क्रेडिट कार्ड से गलती से एक से ज्यादा बार चार्ज हो जाना, आपकी अनुमति के बिना कोई ट्रांजेक्शन हो जाना या बिल में कोई गलती हो जाना. यह अक्सर कई लोगों के साथ होता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आप इन गलतियों को जल्दी और सही तरीके से सुधार लें ताकि किसी भी तरह के वित्तीय नुकसान से बचा जा सके.
इस लेख में हम आपको 6 ऐसे कारगर तरीके बताएंगे, जिनकी मदद से आप अपने क्रेडिट कार्ड से जुड़ी समस्या को पहचान सकते हैं और अपने नुकसान से बच सकते हैं. यह जानकारी आपके वित्तीय स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
कभी-कभी व्यापारी अलग-अलग तरीके से बिल भेजते हैं, इसलिए अपने ईमेल, ऐप इतिहास या रसीद को अच्छी तरह से जाँच लें, ताकि गलती की सही पहचान की जा सके. क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के लिए यह पहला कदम है.
समस्या को समझने के बाद, अगला कदम सभी महत्वपूर्ण विवरणों को नोट करना है. लेन-देन से संबंधित सटीक विवरण जैसे;
ईमेल या बैंक स्टेटमेंट के स्क्रीनशॉट रखें. सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर पाएंगे. क्रेडिट कार्ड विवाद को सुलझाने में यह बहुत काम आता है.
कई बार क्रेडिट कार्ड विवाद सीधे व्यापारी से बात करके सही हो जाता है. अगर गलती से डबल चार्ज लग भी जाए तो वे बैंक के बीच में आए बिना ही उसे ठीक कर सकते हैं. फोन पर बात करने के बाद ईमेल के ज़रिए बातचीत की पुष्टि करना न भूलें, ताकि आपके पास लिखित सबूत हो. विनम्र और स्पष्ट बातचीत से अक्सर समस्या का त्वरित समाधान हो जाता है.
अगर व्यापारी समस्या नहीं सुलझाता, तो तुरंत अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी को सूचित करें. मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या ईमेल के ज़रिए शिकायत दर्ज करें. ध्यान रखें, यह शिकायत 30-60 दिनों के भीतर करनी जरूरी है ताकि समाधान जल्दी मिल सके.
कुछ बैंक आपसे विवाद शुरू करने के लिए एक आधिकारिक फॉर्म भरने की अपेक्षा करते हैं, जिसमें आप अपनी समस्या का पूरा विवरण देते हैं. इस फॉर्म पर हस्ताक्षर करके बैंक को भेजें, और हमेशा इसकी एक प्रति अपने पास रखें. यह एक कानूनी प्रक्रिया है जो आपके पक्ष को मजबूत बनाती है.
आम तौर पर बैंक 7 से 30 दिनों के भीतर क्रेडिट कार्ड विवाद सुलझा लेते हैं. इस दौरान वे आपके खाते से पैसे कटने से अस्थायी रूप से रोक सकते हैं या आपको अस्थायी क्रेडिट भी दे सकते हैं. बैंक आपको फ़ोन, ईमेल या मैसेज के ज़रिए जानकारी देता रहेगा. अगर फ़ैसला आपके पक्ष में आता है, तो पैसे आपके खाते में वापस आ जाएंगे.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, अगर आप समय पर शिकायत करते हैं, तो किसी भी धोखाधड़ी वाले लेनदेन के लिए आप जिम्मेदार नहीं हैं. इस मामले में बैंक आपके नुकसान की भरपाई करता है. आपकी अनुमति के बिना किए गए किसी भी लेनदेन को आप चुनौती दे सकते हैं. अगर आपको बैंक से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो आप बैंकिंग लोकपाल से भी शिकायत कर सकते हैं. यह आपका अधिकार है और आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए.