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ऐसे ही नहीं मिल जाता है बंदूक का लाइसेंस, लेनी पड़ती है इनकी मंजूरी, ये है पूरा तरीका

Gun License: भारत में अगर आप भी बंदूक के लिए लाइसेंस लेना चाहते हैं तो इसके लिए आदेवन करना होगी. भारत में हथियार रखने के लिए दो तरह का लाइसेंस लिया जाता है. आईए जानते हैं लाइसेंस लेने के लिए आवेदन कैसे करें

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Edited By: Purushottam Kumar
ऐसे ही नहीं मिल जाता है बंदूक का लाइसेंस, लेनी पड़ती है इनकी मंजूरी, ये है पूरा तरीका

नई दिल्ली: देश में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके पास अपना हथियार होता है. आमतौर पर देखा गया है कि हथियार या तो लोग शौक से रखते हैं या फिर अपीन सुरक्षा का लिहाज से रखते हैं. भारत में हथियार रखने के लिए दो तरह के लाइसेंस होते हैं. पहला प्रोहिबिटेड बोर लाइसेंस और दूसरा नॉन-प्रोहिबिटेड बोर लाइसेंस. भारत में साल 1959 में शस्त्र अधिनियम को पास किया गया था. इस अधिनियम को पास करने का मकसद अवैध हथियारों के इस्तेमाल को खत्म करने के साथ-साथ इससे होने वाली हिंसा पर भी लगाम लगाना था.

भारत में दो तरह के लाइसेंस
भारत में हथियार रखने के लिए दो तरह के लाइसेंस होते हैं. पहला प्रोहिबिटेड बोर लाइसेंस और दूसरा नॉन-प्रोहिबिटेड बोर लाइसेंस. प्रोहिबिटेड बोर लाइसेंस के तहत आम लोग हथियार का प्रयोग नहीं कर सकते हैं. यह लाइसेंस सरकार की ओर से चुनिंदा लोगों को ही जारी किया जाता है. वहीं, अगर हम नॉन-प्रोहिबिटेड बोर लाइसेंस की बात करें तो इस लाइसेंस के तहत लिए गए हथियार का प्रयोग आम लोग कर सकते हैं.ृ

कौन जारी करता  है लाइसेंस
सभी रााज्यों की सरकार के पास हथियार के लाइसेंस जारी करने का अधिकार होता है. इसके अलावा डीएम, जिला कलेक्टर की ओर से भी आपको हथियार का लाइसेंस जारी किया जा सकता है. हथियार लाइसेंस जारी करने में स्थानिय थाना की भी अहम भूमिका होती है क्योंकी यही लोग आवेदक की जानकारी सत्यापित करने हैं.

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लाइसेंस लेने के लिए नियम
भारत में हथियार लेने के लिए भारतीय नागरिक होना अनिवर्य है. इसके साथ ही आवेदक की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए और हथियार रखने के लिए उचित कारण भी बताना होगा.

आवेदन करने का क्या है प्रोसेस
हथियार लाइसेंस लेने के लिए सबसे पहले आपको आवेदन फॉर्म को शुल्क के साथ संबंधित अथॉरिटी को भेजना होगा. कई राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं. इसके बाद पुलिस आपकी हिस्ट्री वेरीफाई करेगी. यह भी देखा जाएगा कि आपका कोई पिछला क्राइम रिकॉर्ड है या नहीं. पुलिस वेरिफिकेशन के बाद आपको हेल्थ चेकअप से गुजरना होगा, आपका इंटरव्यू लिया जाएगा और फिर अपराध शाखा और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को रिपोर्ट भेजी जाएगी.

गोलियों का रखना होगा हिसाब
आपकी ओर से साझा की गई जानकारी के सच पाए जाने के बाद आपको हरी झंडी मिल जाएगी. लाइसेंस मिलने के बाद आप किसी भी अधिकृत बंदूक डीलर को प्री-ऑर्डर देकर बंदूक खरीद सकते हैं. लाइसेंस में इस बात का भी जिक्र होगा की एक साल में आपको कितनी गोलियां दी जाएगी. गोलियां आपने कहां खर्च  की इसका रिकॉर्ड और गोली का खोखा संभल कर रखनी होगी और इसकी जानकारी देनी होगी.

भूलकर भी न करें ये काम
दबदबा बनाने के लिए या लोगों को डराने के लिए गोली चलाने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इतना ही नहीं बल्कि ऐसा करने पर आपको जेल भी हो सकती है और फिर आपके लाइसेंस को रद्द के साथ-साथ आपके हथियार को भी जब्त किया जा सकता है.

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