नई दिल्ली: देश में टैक्स चोरी की समस्या बहुत ही गंभीर, इससे सरकार को करोड़ों-अरबों का नुकसान होता है. टैक्स चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए सरकार आए दिन कोई न कोई कदम उठाती है. और ऐसे में अब खबर आ रही है ग्राहकों को फेक बिल देकर टैक्स चोरी करने वाले के खिलाफ सरकार और सख्ती से पेश आएगी.
टैक्स चोरी करने वालों पर नकेल कसने के लिए सरकार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) को पीएमएलए (PMLA) के तहत लाने का फैसला किया है. इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. है. आपको बता दें GSTN को उन एंटिटीज की सूची में शामिल किए है जिनकी जानकारी ईडी और फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट (FIU) के साथ साझा करना अनिवार्य है.
ED, FIU देगी दखल
सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी की अगर मानें तो जीएसटी नेटवर्क के डेटा को ईडी और एफआईयू के साथ शेयर करने का फैसला लिया गया है. जीएसटी द्वारा साझा जानकारी जानकारी में अगर ईडी और एफआईयू को किसी भी जीएसटी एसेसी पर शक होता है या उनका फॉरेक्स ट्रांजैक्शन संदिग्ध लगता है तो इसकी जानकारी जीएसटीएन के साथ साझा की जाएगी.
क्या है सरकार का मकसद
सेंट्रल इनडायरेक्ट टैक्स और बोर्ड ऑफ कस्टम ने टैक्स चोरी पर शिकंजा कसने के लिए सीबीआई अध्यक्ष विवेक जौहरी ने अपने एक बयान में कहा था कि सरकार फेक बिलिंग और फेक चालान के खिलाफ रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है. क्योंकि सरकार का मकसद हर हाल में जीएसटी चोरी को रोकना है.