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'बाजार में मत बेचो मां का दूध, न करो सौदा' FSSAI ने कंपनियों को दी वॉर्निंग, जानिए क्यों किया ऐसा

FSSAI ने कहा है कि मां के दूध की प्रॉसेसिंग और बिक्री की इजाजत नहीं दी जा सकती है. FSS एक्ट 2006 के तहत बने कानून इसकी इजाजत नहीं देते हैं. मां के दूध की बाजार में खरीद और बिक्री नहीं की जा सकती है.

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Edited By: India Daily Live
Mothers Milk
Courtesy: www.freepik.com

फूड फेस्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने मां के दूध के बाजारीकरण को लेकर कंपनियों को तगड़ी वॉर्निंग दे दी है. FSSAI का कहना है कि इंसानी दूध और इससे जूड़े प्रोडक्ट्स की बिक्री गलता है और इस देश का कानून, इसकी इजाजत नहीं देता है. मां के दूध का बाजारीकरण नहीं होना चाहिए. FSSAI ने कहा है कि यह बिक्री, फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत बनाए गए नियमों का उल्लंघन है.

FSSAI ने कहा है, 'हमें मां के दूध और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स के संबंध में अलग-अलग रजिस्टर्ड कम्युनिटी से अप्लीकेशन मिले हैं. FSSAI ने FASS एक्ट 2006 और उसके तहत बनाए गए नियम-कानूनों के तहत मानव दूध की प्रॉसेसिंग और बिक्री की इजाजत नहीं दी जा सकती है.'

FSSAI ने कहा है कि इससे संबंधित सभी गतिविधियां, इसके बाजारीकरण और उत्पादों की सेल तत्काल रुकनी चाहिए. अगर कोई  फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBO) यह करता है तो इसे FSS एक्ट 2006 का उल्लंघन माना जाएगा और संस्था के खिलाफ सख्त एक्शन लिए जाएंगे.

ऐसे प्रोडक्ट्स के लिए न दिए जाएं लाइसेंस
FSSAI ने लाइसेंसिंग अथॉरिटी को निर्देश दिया है कि वे तत्काल ह्यमुन मिल्क की सेलिंग रोक दें. संस्था ने कहा है कि राज्य और केंद्र की एजेंसियां ह्युमन मिल्क की सेलिंग तत्काल रोकें. ऐसे FBO को किसी भी कीमत पर लाइसेंस न दिया जाए, जो मां के दूध की बिक्री करते हों. 

क्या दूध का दान किया जा सकता है?
डोनर ह्यमुन मिल्क का इस्तेमाल बिक्री के लिए नहीं किया जा सकता है. यह केवल नवजात को दिया जा सकता है, वह भी चिकित्सकों की रिकमंडेशन पर. कंप्रिहेंसिव लैक्टेशन मैनेजमेंट सेंटर्स पर ही इसे दिया जा सकता है.  दूध का दान केवल स्वेच्छा से ही दिया जा सकता है. इसके लिए डोनर को पैसे नहीं दिए जाने चाहिए. सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक नवजातों को इसे मुफ्त में ही दिया जाना चाहिए.