अब हर फोन में देना होगा NavIC सपोर्ट, इसके बगैर भारत में मोबाइल नहीं बेच पाएंगी कंपनियां
NavIC Navigation System: केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्री राजीव चंद्रशेकर ने कहा कि 1 जनवरी 2025 तक सभी 5जी फोन में और दिसंबर 2025 तक अन्य सभी फोन में भी NavIC नेविगेशन सिस्टम सपोर्ट होना चाहिए.

NavIC Navigation System: मोबाइल निर्माता कंपनियों को भारत में बेचे जाने वाले सभी मोबाइल उपकरणों में स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम NavIC सपोर्ट देना अनिवार्य होगा.
अगर कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं तो वे भारत में अपना मोबाइल नहीं बेच पाएंगी. भारत सरकार साल 2025 तक सभी मोबाइल उपकरणों में NavIC सपोर्ट को अनिवार्य करने की योजना बना रही है.
केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्री राजीव चंद्रशेकर ने कहा कि 1 जनवरी 2025 तक सभी 5जी फोन में और दिसंबर 2025 तक अन्य सभी फोन में भी NavIC नेविगेशन सिस्टम सपोर्ट होना चाहिए.
क्या है NavIC
NavIC अमेरिका के ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (GPS) की तरह है. यह एक उपग्रह आधारित नेविगेशन सिस्टम है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बनाया है. यह साल 2018 में ही पूरी तरह से चालू हो गया था. इसका नेविगेशन सिस्टम का निर्माण जुलाई 2013 में शुरू हुआ था.
NavIC का क्या इस्तेमाल होग और इसका दायरा क्या होगा? आइए जानते हैं सब कुछ
NavIC भारत और इसके चारों ओर के क्षेत्र की निगरानी करेगा. भारत की सीमा से इसके दायरे को 1500 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है. मुख्य रूप से यह भारत, हिंद महासागर, दक्षिण एशिया के कुछ भागों और मध्य एशिया के कुछ भागों की निगरानी करेगा.
NavIC का उपयोग कहां किया जा रहा है?
इसको के अनुसार, NavIC दो प्रकार की सेवाएं देती है. आम नागरिकों को यह स्टेंडर्ड पोजीशन सर्विस (SPS) और रणनीतिक उपयोगकर्ताओं को यह प्रतिबंधित सेवा (RS) देती है.
इसके अलावा NavIC का इस्तेमाल परिवहन, लोकेशन आधारित सेवाओं, पर्सनल मोबिलिटी, संसाधनों की निगरानी, सर्वे, वैज्ञानिक अनुसंधान आदि में किया जा सकता है.
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