नई दिल्ली: मोबाइल चार्जर की लापरवाही ने 8 साल के लोरेंजो लोपेज की जिंदगी को खतरे में डाल दिया. चार्जर ढीले तरीके से एक्सटेंशन कॉर्ड में लगा होने के कारण उसे करंट लग गया और वह झुलस गया. यह घटना हमें चेतावनी देती है कि रात में चार्जर पास में लगाकर सोना बेहद जोखिम भरा हो सकता है. सावधानी न बरती गई तो यह सिर्फ बच्चों ही नहीं, बड़ों के लिए भी जानलेवा हो सकता है. आज के डिजिटल युग में मोबाइल हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है. लेकिन कई बार इसकी गलत या लापरवाही से हुई इस्तेमाल की आदतें गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती हैं.
हाल ही में 8 साल के लोरेंजो लोपेज के साथ ऐसा ही हादसा हुआ, जब एक्सटेंशन कॉर्ड में ढीले तरीके से लगा मोबाइल चार्जर अचानक करंट देने लगा. यह घटना बच्चों और बड़ों दोनों के लिए चेतावनी है कि कैसे रोज़मर्रा की लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है.
लोरेंजो लोपेज के बगल में जो एक्सटेंशन कॉर्ड था, उसमें चार्जर ठीक से फिट नहीं था. चार्जर और कॉर्ड के बीच बची जगह से करंट निकल गया और बच्चे को झुलसा दिया. विशेषज्ञों के मुताबिक, ढीले कनेक्शन और पुराने चार्जर इस तरह के हादसों का सबसे बड़ा कारण हैं.
अक्सर लोग रात में सोते समय मोबाइल चार्जर पास रखते हैं. यह आदत खतरे को न्योता देती है. अगर चार्जर सही से फिट नहीं हो या तार पुराना हो, तो बिजली का झटका गंभीर चोट या मौत का कारण बन सकता है.
बच्चों को चार्जर के पास खेलने या सोने से रोकना अत्यंत आवश्यक है. एक्सटेंशन कॉर्ड में ढीले चार्जर, टूटी हुई सॉकेट्स और खुले तार खतरनाक साबित हो सकते हैं. हमेशा सुनिश्चित करें कि चार्जर सुरक्षित तरीके से लगा हो.
चार्जर का प्रयोग करते समय हमेशा ध्यान रखें कि वह पूरी तरह से सॉकेट में फिट हो. बच्चों की पहुंच से दूर रखें और पुरानी या टूटे हुए चार्जर का उपयोग न करें. रात में मोबाइल चार्जिंग के दौरान सतर्क रहना जीवन बचा सकता है.
विद्युत दुर्घटना रोकने के लिए इन्सुलेटेड तार और सर्टिफाइड चार्जर का उपयोग जरूरी है. कभी भी चार्जर को ढीला छोड़कर न सोएं. छोटे बच्चों की सुरक्षा और सावधानी ही इस तरह की दुर्घटनाओं से बचाव का सबसे बड़ा तरीका है.
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