AI Upskilling India: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया भर में आम होता जा रहा है. इसे लेकर एक नई रिपोर्ट भी जारी की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत को अपने कर्मचारियों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए तेजी से काम करना होगा. इस रिपोर्ट का नाम AI for All: Building an AI-Ready Workforce in Asia-Pacific है. इस रिपोर्ट को Google.org और एशियाई विकास बैंक का सपोर्ट प्राप्त है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि AI 2030 तक एशिया-प्रशांत की अर्थव्यवस्था में 3 ट्रिलियन डॉलर तक जोड़ सकता है. भारत के पास दुनिया के सबसे युवा और सबसे बड़े कार्यबल हैं. ऐसे में इसके बढ़ने की संभावना और भी ज्यादा है. इसके साथ ही एक चेतावनी भी दी है अगर लोगों को सही ट्रेनिंग नहीं मिलती है, तो कई लोग अपनी नौकरी खो सकते हैं.
डाटा एंट्री, कस्टमर सर्विस और शेड्यूलिंग जैसी नौकरियों की जगह AI टूल ले रहे हैं. ये नौकरियां अक्सर महिलाओं, कम सैलरी वाले लोग और कम डिजिटल स्किल वाले लोग कर रहे हैं. इनमें खासकर टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्र इसमें शामिल है. अगर इन कर्मचारियों को सही एआई ट्रेनिंग नहीं मिलती है तो वो जॉब मार्केट में पीछे रह सकते हैं.
अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग ट्रेनिंग: हर कोई एक ही तरह से नहीं सीखता. छात्रों, श्रमिकों, महिलाओं, बुजुर्गों और कम डिजिटल ज्ञान वाले लोगों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाए जाने चाहिए.
प्रैक्टिल स्किल्स पर ध्यान दें: एशिया-प्रशांत में 40% लोग प्रैक्टिल स्किल्स चाहते हैं जो उन्हें केवल सिद्धांत नहीं बल्कि रियल लाइफ में नौकरी पाने में मदद करे.
जागरूकता पैदा करें: कई कर्मचारी अभी भी AI ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में नहीं जानते हैं. एशिया-प्रशांत में, केवल 15% लोगों ने ऐसे कोर्स में भाग लिया है. भारत में यह संख्या और भी कम हो सकती है, इसलिए अभियान चलाने की आवश्यकता है.
छोटे व्यवसायों (MSME) का सपोर्ट करें: ये बिजनेस भारत में ज्यादातर लोगों को काम पर रखते हैं, लेकिन अक्सर AI ट्रेनिंग का खर्च वहन नहीं कर सकते. सरकारी और निजी मदद की आवश्यकता है.
महिलाओं और डिजिटल रूप से गरीब समुदायों की मदद करें: विशेष प्रयासों के बिना, AI पहले से ही संघर्षरत समूहों के लिए चीजों को और खराब कर सकता है. यह ट्रेनिंग आसान, किफायती और कई भाषाओं में होना चाहिए.