नई दिल्ली: हाल ही में सोशल मीडिया पर अफवाहें फैल रही हैं कि गूगल अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम को ट्रेन करने के लिए Gmail डाटा का इस्तेमाल कर रहा है. कई पोस्ट में यूजर्स को यह चेतावनी दी जा रही है कि आपके ईमेल और किसी भी अटैचमेंट का इस्तेमाल Google के नए AI मॉडल, Gemini को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है. सिर्फ यही नहीं, कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि इस AI एक्सपेरिमेंट का हिस्सा बनने से बचने का सबसे अच्छा तरीका Gmail के स्मार्ट फीचर्स को बंद कर देना है.
इन सभी अफवाहों के बीच गूगल ने इन सभी दावों को खारिज कर दिया है. एक बयान में गूगल की स्पोक्सपर्सन जेनी थॉमसन ने बताया कि ये खबरें सच नहीं हैं. उन्होंने साफ किया कि जीमेल के स्मार्ट फीचर्स कई वर्षों से मौजूद हैं और कंपनी ने अपने Gemini AI मॉडल को ट्रेन करने के लिए किसी के भी डाटा का इस्तेमाल नहीं किया है.
गूगल के बयान के बावजूद, इन अफवाहों के चलते इतनी चिंता पैदा हो गई है कि कई यूजर्स अब यह पक्का करने के लिए अपनी Gmail सेटिंग्स चेक कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक है या नहीं. तो चलिए सबसे पहले तो यह जानते हैं कि जिन जीमेल स्मार्ट फीचर्स की बात की जा रही है, क्या उनके साथ क्या हो रहा है.
यह कंफ्यूजन शुरु हुआ इस साल की शुरुआत से. जनवरी में, गूगल ने एक अपडेट जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि जीमेल, कैलेंडर और डॉक्स जैसी सर्विस के लिए स्मार्ट फीचर्स को अलग-अलग कंट्रोल कर सकते थे. इसका मतलब है कि लोग Gmail में इन फीचर्स को बंद कर सकते थे, लेकिन Maps या Wallet जैसे दूसरे ऐप में उन्हें ऑन रख सकते थे.
कुछ यूजर्स ने देखा कि उनकी सेटिंग्स बिना किसी अप्रूवल के ही रीसेट हो गई, जिससे स्मार्ट फीचर्स फिर से चालू हो गए. Gmail के स्मार्ट फीचर्स सिर्फ स्पेलिंग की गलतियां ही ठीक नहीं करते हैं, बल्कि इससे भी कहीं ज्यादा काम करते हैं. वो आपके कैलेंडर में फ्लाइट की जानकारी एड करने, ऑर्डर ट्रैक करने और ईमेल की समरी बनाने जैसे कामों में मदद करते हैं. अगर आप गूगल वर्कस्पेस में इन फीचर्स को ऑन करते हैं, तो आप Google प्लेटफॉर्म पर आपके एक्सपीरियंस को पर्सनलाइज करने के लिए कंटेंट और एक्टिविटी का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जा रही है.
Google अपने सबसे नए AI सिस्टम, Gemini 3 के लिए भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. यह एडवांस्ड मॉडल जानकारी को इंसानों की सोच के हिसाब से समझने के लिए डिजाइन किया गया है. इससे यह ऐसे काम भी संभाल सकता है, जो मुश्किल हों या क्रिएटिव. गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने बताया कि Gemini 3 हाथ से लिखे नोट्स से लेकर लंबे रिसर्च पेपर और यहां तक कि वीडियो लेक्चर तक सब कुछ प्रोसेस कर सकता है.
Google ने कहा कि वह इस AI को ट्रेन करने के लिए Gmail डाटा का इस्तेमाल नहीं कर रहा है. जबकि AI टूल रोजाना के ऐप्स में ज्यादा इंटीग्रेट हो रहे हैं. कंपनी यूजर्स को भरोसा दिला रही है कि उनके इनबॉक्स को AI ट्रेनिंग ग्राउंड में नहीं बदला जा रहा है.