menu-icon
India Daily

एयरटेल यूजर्स की आईं मौज! कंपनी ने लॉन्च किया दमदार AI-टूल, फ्री में कर सकेंगे यूज

भारतीय एयरटेल ने अपने ग्राहकों को स्पैम कॉल और मैसेज से बचाने के लिए एक AI-संचालित समाधान की घोषणा की है. यह एआई-संचालित टूल यूजर्स को सभी संदिग्ध स्पैम कॉल और मैसेज के बारे में वास्तविक समय में सचेत कर देगा.

auth-image
Edited By: India Daily Live
Airtel launches free AI tool for users against spam calls and messages
Courtesy: Bharti Airtel

भारतीय एयरटेल ने अपने ग्राहकों को स्पैम कॉल और मैसेज से बचाने के लिए एक AI-संचालित समाधान की घोषणा की है. यह एआई-संचालित टूल यूजर्स को सभी संदिग्ध स्पैम कॉल और मैसेज के बारे में वास्तविक समय में सचेत कर देगा.

यूजर्स को मुफ्त में मिलेगी सुविधा

कंपनी ने कहा यूजर्स को यह सुविधा बिल्कुल मुफ्त में दी जाएगी. कंपनी ने कहा कि यह एआई-टूल एयरटेल के ग्राहकों के लिए गुरुवार से स्वत: ही सक्रिय हो जाएगा. कंपनी ने कहा कि यह टूल रियल-टाइम के आधार पर एक ट्रिलियन रिकॉर्ड प्रोसेस करता है.

यूजर को तुरंत कर देगा अलर्ट
कंपनी ने कहा कि जैसे की इस सिस्टम को कोई कॉल या मैसेज संदिग्ध लगता है, वह यूजर द्वारा कॉल को उठाने से पहले या उस मैसेज के लिंक पर क्लिक करने से पहले ही इसको तुरंत 'संदिग्ध स्पैम' के रूप में चिह्नित करेगा. कंपनी ने दावा किया कि यह सिस्टम 97 प्रतिश स्पैम कॉल और 99 प्रतिशत स्पैम मैसेज को चिह्नित करने में सक्षम है.

12 महीने की जद्दोजहद के बाद मिली सफलता
भारती एयरटेल (इंडिया और साउथ एशिया) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल विट्ठल ने कहा कि संदिग्ध स्पैम मैसेज और कॉल के समाधान कंपनी के 12 महीनों के अथक और कठिन परिश्रम का नतीजा है.   उन्होंने कहा, 'आज का दिन एक मील का पत्थर है क्योंकि आज हमने अपने ग्राहकों को सुरक्षित करने के लिए देश का पहला एआई संचालित स्पैम मुक्त नेटवर्क लॉन्च किया है.'

रियल टाइम में स्कैन कर यूजर को करेगा अलर्ट
विट्ठल ने कहा कि एआई एल्गोरिद्म करीब कॉल की गति, इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल के नंबर, IMEI में बदलाव जैसे करीब 250 मानकों पर जांच करती है. उन्होंने कहा कि ज्ञात स्पैम पैटर्न के विरुद्ध इस जानकारी को क्रॉस-रेफरेंस करके, सिस्टम संदिग्ध स्पैम कॉल और मैसेज का सटीक पता लगाएगा. अगर स्पैम मैसेज में कोई संदिग्ध लिंक होगा तो सिस्टम रियल-टाइम में उसे स्कैन करेगा और यूजर को उस पर क्लिक न करने को लेकर सचेत करेगा.

सिस्टम में लगे हुए हैं दो फिल्टर
विट्ठल ने कहा कि एयरटेल ने खतरनाक लिंक का एक विशेष डेटाबेस बनाया है, जिसे 'ब्लैकलिस्टेड यूआरएल'  कहा जाता है और संदेशों की जांच इसी डेटाबेस से की जाती है. विट्ठल ने कहा कि इस समाधान में दो फिल्टर लगे हुए हैं: पहला फिल्टर नेटवर्क लेकर पर और दूसरा आईटी सिस्टम्स लेयर पर. उन्होंने कहा कि प्रत्येक कॉल और मैसेज इन्हीं दोहरी परत एआई शील्ड से होकर गुजरता है.

शानदार मिले परिणाम
कंपनी ने कहा कि अब तक समाधान 100 मिलियन संभावित स्पैम कॉल और हर दिन आने वाले 3 मिलियन स्पैम टेक्स्ट संदेशों की सफलतापूर्वक पहचान करने में सक्षम रहा है.