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India Daily

40 मिनट की दूरी अब 6 मिनट में होगी पूरी, जबलपुरवासियों को मिला राज्य का सबसे लंबा फ्लाईओवर, जानें ब्रिज की खास बातें

मध्यप्रदेश के जबलपुर में राज्य का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनकर तैयार हो गया है. 7 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर के शुरू होने से मदन महल से दमोह नाका के बीच की यात्रा, जो पहले 40-45 मिनट में पूरी होती थी, अब केवल 6-7 मिनट में पूरी हो सकेगी. करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत से बने इस प्रोजेक्ट में केबल-स्टे और बो-स्ट्रिंग ब्रिज जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Bridge
Courtesy: WEB

शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जबलपुर में राज्य का सबसे लंबा फ्लाईओवर राष्ट्र को समर्पित किया. यह फ्लाईओवर न केवल ट्रैफिक को सुगम बनाएगा, बल्कि शहरी विकास का भी प्रतीक माना जा रहा है. इसकी डिजाइन और सुविधाओं को देखते हुए इसे प्रदेश में आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट का बेहतरीन उदाहरण बताया जा रहा है.

यह 7 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर मदन महल से दमोह नाका के बीच के वक्त को घटाकर कम कर देगा. जहां इस बीच की दूरी तय करने में लोगों को 40 से 45 मिनट तक लगते हैं, उनका यह टाइम घटकर सिर्फ 6-7 मिनट रह जाएगा.अधिकारियों के मुताबिक इससे शहरवासियों को जाम से बड़ी राहत मिलेगी. प्रोजेक्ट पर करीब 1200 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इस ब्रिज को राज्य के शहरी ढांचे में मील का पत्थर बताया जा रहा है.

अत्याधुनिक इंजीनियरिंग की झलक है ब्रिज

इस फ्लाईओवर की सबसे खास बात 192 मीटर लंबा सिंगल-स्पैन केबल-स्टे ब्रिज है. यह ब्रिज रेलवे लाइन के ऊपर बनाया गया है. इसके अलावा इसमें तीन बो-स्ट्रिंग ब्रिज भी शामिल हैं, दो रानीताल और एक बल्देवबाग क्षेत्र में. प्रत्येक की लंबाई 70 मीटर है और इन्हें पूरी तरह स्टील से तैयार किया गया है. यह संरचना न केवल मजबूती बल्कि आधुनिक इंजीनियरिंग का प्रतीक भी है.

हरियाली और जनसुविधाएं

फ्लाईओवर के नीचे 50 हजार से अधिक पौधे लगाए गए हैं ताकि प्रदूषण कम हो और क्षेत्र में हरियाली बढ़े. इसके साथ ही यहां पर बास्केटबॉल कोर्ट, ओपन जिम और बच्चों के लिए पार्क जैसी सुविधाएं भी विकसित की गई हैं. इससे यह क्षेत्र केवल यातायात के लिहाज से ही नहीं बल्कि सामाजिक गतिविधियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा.

यात्रा को सरल बनाने वाली व्यवस्था

यात्रियों की सुविधा के लिए 10 दिशा-सूचक बोर्ड लगाए गए हैं ताकि मार्ग भ्रम की स्थिति न बने. अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना की नींव 2019 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रखी थी. सितंबर 2023 में विधानसभा चुनावों से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फ्लाईओवर के एक हिस्से का उद्घाटन किया था. अब इसका पूरा कॉरिडोर जनता के लिए खोल दिया गया है.